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ड्रोन से लगेगी गायों की तस्करी पर लगाम, बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ मुस्तैद

पाकिस्तान से सटी सीमा पर अगर ड्रोन के जरिए ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग बीएसएफ के लिए जी का जंजाल बनी हुई है तो बांग्लादेश बॉर्डर पर यही ड्रोन गाय की तस्करी रोकने में मदद कर रहे हैं. बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने उत्तरी बंगाल के जलपाईगुड़ी-कूचबिहार सेक्टर में सात ऐसी गायों को बरामद किया जिन्हें तस्करी के लिए बांग्लादेश भेजा जा रहा था. 

बीएसएफ के मुताबिक, बांग्लादेश सीमा पर ऐसे इलाकों में अब सीमा-प्रहरियों के साथ-साथ ड्रोन के जरिए भी आसमान से नजर रखी जा रही है जहां पशुओं की तस्करी का खतरा ज्यादा बना रहता है. इसी कड़ी में गुरूवार को बीएसएफ के उत्तरी बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत ओरन-बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) के अंतर्गत शाम के वक्त ड्रोन ने 6-7 पशु-तस्करों की मूवमेंट को कैमरे में कैद किया. बांग्लादेश से सटी इंटरनेशनल बाउंड्री (आईबी) के करीब  इन तस्करों के साथ 7 गायें भ थी. जैसे ही ड्रोन के ये फुटेज बीओपी पर तैनात जवानों को लगी तुरंत एक पैट्रोलिंग पार्टी को वहां भेजा गया. लेकिन अंधेरे और नदी-नालों का फायदा उठाकर तस्कर वहां से भाग खड़े हुए और गायों को भी इधर-उधर खदेड़ दिया.

बीएसएफ के मुताबिक, देर शाम तक ड्रोन की मदद से चली खोजबीन में सभी सात गायों को बरामद कर लिया गया. बीएसएफ के मुताबिक, ड्रोन्स में नाइट-विजन डिवाइस भी लगे हैं जिससे रात में भी सीमा की निगहबानी की जा सकती है. बीएसएफ ने ड्रोन के जरिए गायों की तस्करी रोकने का वीडियो भी जारी किया है. हालंकि, ये कोई पहला मामला नहीं है जब ड्रोन की मदद से बांग्लादेश सीमा पर पशुओं की तस्करी रोकी गई है. 

इसी साल 28 सितंबर को भी ओरन बीओपी के क्षेत्र में बीएसएफ की छठी (06) बटालियन ने ड्रोन की मदद से चार गायों को बरामद किया था. इन गायों को भी तस्करी के लिए भारत से बांग्लादेश ले जाया जा रहा था. 

गौरतलब है कि पाकिस्तान से सटी सीमा पर ड्रोन घुसपैठ की घटनाएं बीएसएफ के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पंजाब से सटी सीमा पर बड़ी संख्या में ड्रोन की मदद से 

ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग को अंजाम देती है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल अब तक पंजाब से सटी सीमा पर 250 से भी ज्यादा ड्रोन घुसपैठ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. अगर इसमें जम्मू-कश्मीर और राजस्थान की घटनाओं को भी जोड़ दें तो ये संख्या 300 के पार पहुंच सकती है. माना जा रहा है कि इनमें से महज़ 55 ड्रोन को ही बीएसएफ के जवान मार गिरा पाएं. यही वजह है कि बीएसएफ को अब एंटी-ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम से लैस किया जा रहा है. 

गृह मंत्रालय की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएफ सहित करीब एक दर्जन केंद्रीय पुलिस बल और राज्यों की पुलिस की मानेसर स्थित एनएसजी सेंटर में ड्रोन और काउंटर ड्रोन की ट्रेनिंग दी गई है ताकि आसमान से पैदा होने वाले खतरों से निपटा जा सके. 

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