म्यांमार में छिड़ी जंग को लेकर भारत ने सीमावर्ती इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया है. म्यांमार में सेना और विद्रोही ग्रुप पीडीएफ में छिड़ी जंग का असर भारत पर भी पड़ा है. म्यांमार की सेना ने भारत से लगी सीमा के पास एयर स्ट्राइक की, जिसके बाद करीब 2 हजार से ज्यादा लोग भागकर मिजोरम आ गए हैं. भारत आने वाले लोगों में म्यांमार के 40 सैनिक भी शामिल हैं जिन्हें सुरक्षित वापस भेज दिया गया है.
म्यांमार के चिन राज्य में जुंटा की सेना ने एयर स्ट्राइक और भीषण गोलीबारी की है. गोलीबारी में घायल लोग भारत के सीमावर्ती राज्य मिजोरम के चम्फाई शहर भाग आए. घायल लोगों का वहां इलाज चल रहा है.
म्यांमार में क्यों टेंशन ?
म्यांमार की सत्तारूढ़ जुंटा (सैन्य शासन) समर्थित सेना और मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के बीच भीषण गोलीबारी हुई है. पीडीएफ ने भारतीय सीमा के पास स्थित म्यांमार के चिन राज्य में खावमावी और रिहखावदार में दो सैन्य ठिकानों पर हमला किया. म्यांमार के रिहखावदार सैन्य अड्डे को सोमवार तड़के पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने अपने कब्जे में ले लिया और खावमावी सैन्य अड्डे पर भी दोपहर तक नियंत्रण हासिल कर लिया.
क्या चाहता है पीडीएफ?
पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है. यह नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट की सशस्त्र शाखा है. 1 फरवरी 2021 को हुए सैन्य तख्तापलट के जवाब में पीडीएफ का गठन किया गया है. इस संगठन का उद्देश्य म्यांमार में सैन्य ताकत से लड़ते हुए देश में फिर से चुनी गई सरकार के जरिए लोकतंत्र स्थापित करना है.
ऑपरेशन 1027
पीडीएफ ने इस हफ्ते जुंटा के खिलाफ ऑपरेशन 1027 छेड़ा है. ऑपरेशन के जरिए पीडीएफ के लड़ाकों ने एक साथ म्यांमार की सेना और पुलिस के खिलाफ हमले किए. ये हमले चीन-म्यांमार सीमा, भारत से सटे चिन प्रांत और मैंडले इलाके में किए गए. इस ऑपरेशन में पीडीएफ के साथ-साथ अराकान-आर्मी के लड़ाके भी शामिल हैं.
भारत में म्यांमार के शरणार्थी
मिजोरम के चम्फाई जिले के उपायुक्त जेम्स लालरिंछना ने इस बात की पुष्टि की है कि गोलीबारी के बाद मिजोरम में म्यांमार के लोगों ने शरण ली है. मिजोरम के गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस वक्त 31,364 नागरिक राज्य के विभिन्न हिस्सों में जीवन जी रहे हैं। ज्यादा शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं. मिजोरम प्रशासन ने मंगलवार को म्यांमार के 40 सैनिकों को हेलीकॉप्टर के जरिए मणिपुर के मोरेह बॉर्डर भेज दिया. मोरेह बॉर्डर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट के जरिए इन सभी सैनिकों को वापस म्यांमार भेजा गया है.