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हमास पर अंतिम प्रहार के लिए तैयार इजरायल !

इजरायल की सेना इस वक्त गाजा पट्टी की सीमा पर फाइनल असॉल्ट के लिए पूरी तरह तैयार है. इजरायल के आर्मर्ड कॉलम्स यानि टैंक, इन्फेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स और पैदल सैनिक गाजा में घुसकर आतंकी संगठन हमास पर आखिरी प्रहार का इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि इजरायल और अमेरिका दोनों ही गाज़ा में रहने वाले आम नागरिकों को युद्ध में हताहत नहीं होना देना चाहते हैं. 

इजरायल-हमास युद्ध को दस दिन पूरे हो चुके हैं और आईडीएफ यानि इजरायल डिफेंस फोर्सेज पिछले 24 घंटे से गाज़ा पट्टी का घेराव करके खड़ी है. आईडीएफ ने नॉर्थ गाजा में रह रहे फिलिस्तीनी नागरिकों को वहां से दक्षिणी गाजा में जाने का अल्टीमेटम दिया है. क्योंकि अगर इजरायली सैनिक गाज़ा में घुसे और लड़ाई हुई तो आम नागरिक भी हताहत हो सकते हैं. यही वजह है कि इजरायल ने गाजा को खाली करने का समय दिया है. 

आई़डीएफ के प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेच्ट के मुताबिक, इजरायली सेना अतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत तो गाज़ा में रहने वाले आम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रही है बल्कि ऐसा इसलिए भी कर रही है क्योंकि इजरायली सेना की लड़ाई आतंकी संगठन हमास से है गाज़ा के लोगों से नहीं. उन्होनें कहा कि ये इजरायली सेना के सिद्धांत और मूल्यों का हिस्सा है. 

इजरायली डिफेंस फोर्सेज पहले ही गाजा पट्टी के उत्तरी इलाकों पर एरियल अटैक कर हमास को काफी थिन यानी कमजोर कर चुकी है. बावजूद इसके आईडीएफ को अंदेशा है कि हमास के आतंकी गाजा पट्टी में रिहायशी इलाकों में बनी टनल के अंदर जाकर छिप गए हैं. माना ये भी जा रहा है कि इन खुफिया सुरंगों में हमास के आतंकियों ने इजरायल के नागरिकों को बंधक बनाकर रखा हुआ है. ऐसे में हमास पर जोरदार हमला और होस्टेज बने नागरिकों को छुड़ाना इजरायल की डिफेंस फोर्सेज का मुख्य लक्ष्य है. 

आईडीएफ के लिए गाजा पट्टी में जमीन के रास्ते अटैक करना इतना आसान नहीं होने वाला है. क्योंकि अर्बन वॉरफेयर में आतंकियों को सैनिकों के मुकाबले थोड़ा एडवांटेज होता है. मल्टी स्टोरी बिल्डिंग और रिहायशी इलाकों में छिपे आतंकियों के लिए इजरायली सेना थोड़ा एक्सपोज होने की स्थिति में होगी. इसके अलावा जिस तरह की गुरिल्ला रणनीति हमास के आतंकी अपनाते हैं ऐसे में पूरी संभावना है कि हमास ने इजरायल के सैनिकों के लिए बूबी-ट्रैप, लैंड माइन्स और आईईडी भी जगह जगह लगा रखी होंगी. ऐसे में आईडीएफ को गाजा में फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा. लेकिन इजरायल ने साफ कर दिया है कि अल्टीमेटम का समय खत्म होते है आईडीएफ गाज़ा में दाखिल हो जाएगी. 

इजरायल को गाजा़ पर हमले के दौरान इस बात को भी ध्यान रखना है कि लेबनान से ओपरेट होने वाला आतंकी संगठन हिजबुल्ला भी दूसरा फ्रंट खोल सकता है. यानि आईडीएफ को एक साथ दो मोर्चो पर लड़ना होगा. क्योंकि 7 अक्टूबर के आतंकी हमले के बाद से हिजबुल्ला लगातार इजरायल की उत्तरी सीमा पर बमबारी और रॉकेट दाग रहा है. 

गाज़ा पर अटैक करने के साथ ही फिलिस्तीन समर्थक ईरान भी इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल सकता है. माना जा रहा है कि ईरान ने बड़ी संख्या में अपनी मिसाइलों को इजरायल से सटे देशों की सीमा पर तैनात करने के लिए भेज दिया है. ईरान अगर सीधे तौर से इजरायल के खिलाफ युद्ध में नहीं भी कूदा तो हमास और हिजबुल्ला जैसे आतंकी संगठनों को लड़ाकों, पैसों, हथियार और गोला-बारूद से जरूर मदद कर सकता है. 

इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल को गाज़ा पर कब्जा न करने की हिदायत दी है. जो बाइडेन ने कहा है कि इजरायल हमास के खिलाफ तो जंग छेड़ सकता है लेकिन गाज़ा पर कब्जा नहीं कर सकता है. इजरायल-फिलिस्तीन विवाद का हल निकालने के लिए अमेरिका के

 विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन एक बार फिर इजरायल के दौरे पर तेल अवीव पहुंच गए हैं. पिछले एक हफ्ते में इजरायल में ये उनका दूसरा दौरा होगा. वे मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, यूएई, कतर और बहरीन जैसे मिडिल-ईस्ट के देशों की यात्रा कर और उनके नेताओं से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने के इरादे से इजरायल पहुंचने वाले हैं. अमेरिका भले ही इजरायल का परम-मित्र है लेकिन वो भी नहीं चाहता है कि इजरायल गाज़ा (फिलिस्तीन) के खिलाफ सीधी जंग न छेड़ दे. 

आईडीएफ के मुताबिक, 7 अक्टूबर के बाद से लेकर अब तक इजरायल के 1300 लोगों की जान चुकी है और 3200 लोग घायल हुए हैं. मारे गए लोगों में 250 से ज्यादा इजरायली सैनिक शामिल हैं. इजरायल के मुताबिक, अभी भी 120 नागरिक हमास के कब्जे में है. वहीं फिलिस्तान के मुताबिक, इजरायली हमलों में अब तक उसके 2800 नागरिक मारे जा चुके हैं. आईडीएफ के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में इजरायल ने हमास के छह टॉप कमांडर्स को मौत के घाट उतार दिया है. 

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