अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के इरादे से पहले एनएसए माइक वाल्ट्ज को हटाया और अब 100 अफसरों को हटाने का फैसला लिया है. अमेरिका में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एनएससी) में तैनात 100 अधिकारियों पर गाज गिरी है. ट्रंप के निर्देश पर कार्यवाहक एनएसए मार्को रूबियो ने अधिकारियों को हटाया है
इंडो पैसिफिक, ईरान, यूक्रेन से जुड़े अधिकारियों की छुट्टी
अमेरिका में एनएससी से जिन अधिकारियों को हटाया गया है, वे सभी इंडो-पैसिफिक,ईरान और यूक्रेन से जुड़ी डेस्क पर तैनात थे. इंडो-पैसिफिक में भारत और चीन से लेकर पूरा दक्षिण-पूर्व एशिया शामिल है. हाल के दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए मिलिट्री टकराव और सीजफायर में जबर्दस्ती अमेरिका के कूदने पर जमकर खिंचाई की गई थी.
ट्रंप ने एनएसए माइक वॉल्ट्ज को हटाया था
100 अधिकारियों पर गाज गिराने का मामला ऐसे समय में सामने आया है जब इस महीने की शुरुआत में माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद से हटाया गया था. वाल्ट्ज पर मिडिल ईस्ट में चल रहे ऑपरेशन की जानकारी सोशल मीडिया ऐप सिग्नल पर एक ग्रुप के जरिए लीक करने का आरोप था. इस ग्रुप में वॉल्ट्ज ने एक पत्रकार को भी गलती से जोड़ लिया था.
वाल्ट्ज को हटाए जाने के बाद से विदेश मंत्री मार्को रुबियो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. वाल्ट्ज को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत के रूप में नामित किया गया है.
ट्रंप की डीप स्टेट खत्म करने की कवायद
अब एनएसए के अधीन ऑफिस में तैनात 100 अधिकारियों को रातो-रात हटाने का कारण डीप-स्टेट माना जा रहा है. ट्रंप का आरोप है कि बाइडेन प्रशासन को डीप-स्टेट चला रहा था. ऐसे में डीप-स्टेट से जुड़े अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों से हटाना बेहद जरूरी है. अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में करीब 300 अधिकारी हैं. ट्रंप प्रशासन इस संख्या को 50 तक ले जाने की तैयारी कर रहा है.
भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर हुई ट्रंप की किरकिरी
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 10 मई को ट्रंप ने अचानक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध-विराम का ऐलान करके वाहवाही लूटने की कोशिश की थी. ट्रंप ने ऐसा दिखाने की कोशिश की कि उन्होंने ही सीजफायर करवाया हो. लेकिन भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी दूसरे देश (अमेरिका) ने मध्यस्थता नहीं की, तो ट्रंप से खुद ही अपने बयान को वापस लेते हुए कहा था, कि उन्होंने शांति की कोशिश की, लेकिन सीजफायर नहीं करवाया था.
रूस-यूक्रेन, ईरान मामले में ट्रंप ने बदली अमेरिका की नीति
ट्रंप की ऐसी ही उहापोह की स्थिति रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी है. ट्रंप ने अमेरिका की भूमिका अचानक पलट दिया है. ट्रंप ने रूस के खिलाफ यूक्रेन को हथियार और वित्तीय सहायता पूरी तरह बंद कर दी है. जबकि पिछले तीन साल से रूस के खिलाफ युद्ध को जारी रखने में अमेरिका ने यूक्रेन की जमकर मदद की थी. ट्रंप ने अमेरिका की कमान संभालते ही पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की यूक्रेन नीति को पूरी तरह बदल दिया है. ट्रंप को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का करीबी भी माना जाता है लेकिन युद्ध रुकवा पाने में नाकाम हैं.
ईरान के साथ भी ट्रंप प्रशासन ने बाइडेन की नीति को बदलते हुए वार्ता शुरू कर दी है. इन दिनों दोनों देशों के वार्ताकार इटली की राजधानी रोम में बैठक कर रहे हैं.