पाकिस्तान में एक बार फिर हुआ है बड़ा आतंकी हमला, जिसमें 50 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम इलाके में हुआ है. आतंकियों ने प्राइवेट गाड़ियों के काफिले पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर 50 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और मौके से फरार हो गए.आतंकी हमले के बाद लोगों में दहशत है, तो वहीं सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान की एक बार फिर पोल खुल गई है.
पाकिस्तान में आतंकियों के टारगेट पर शिया समुदाय
गुरुवार को खैबर पख्तूनख्वा में यात्रियों से भरी गाड़ियों पर घात लगाए आतंकियों ने हमला किया. ये अटैक उस वक्त हुआ जब शिया समुदाय के यात्री प्राइवेट गाडियों से पाराचिनार से पेशावर जा रहे थे. जैसे ही काफिला लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरा, आतंकियों ने अटैक कर दिया. अंधाधुंध फायरिंग में एक पुलिसकर्मी समेत 50 लोगों की मौत हुई है, जिसमें एक महिला और बच्चा भी शामिल है. ये अटैक पाकिस्तान में अभी तक के घातक हमलों में से एक है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की है.
पाकिस्तान में आतंकी हमले के पीछे कौन?
पाकिस्तान में हुए अटैक की किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है. पर जिस कुर्रम इलाके में ये हमला हुआ है, वो अफगानिस्तान की सीमा से लगा कबायली इलाका है. इस इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है. पाकिस्तान की एजेंसियों अब ये पता कर रही हैं कि हमले के पीछे कौन है.
माना जा रहा है कि हमले के पीछे आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान-पाकिस्तान (टीटीपी) है. टीटीपी के आतंकियों ने शिया समुदाय के लोगों की टारगेट किलिंग की है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1859620413107519633)
दो दिन पहले 11 सैनिकों को उतारा था मौत के घाट
खैबर पख्तूनख्वा के बनू इलाके में टीटीपी के आतंकियों ने पाकिस्तानी सेना की एक चौकी पर आत्मघाती हमला किया था. इस हमले में पाकिस्तानी सेना के 11 सैनिक मारे गए थे. पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि हमला करने वाले छह आतंकियों को भी मार गिराया गया है.
पाकिस्तान में हमला, चीन की बढ़ी चिंता
पाकिस्तान में गुरुवार के हुए हमले ने चीन की चिंता को और बढ़ा दिया है. पिछले कुछ महीनों में चीनी नागरिकों को पाकिस्तान में टारगेट किया गया है. खैबर पख्तूनख्वा में हुए हमले के बाद चीन अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए चाक चौबंद व्यवस्था में जुट गया है, क्योंकि चीन को अब पाकिस्तानी एजेंसियों पर भरोसा नहीं.