शी जिनपिंग और जो बाइडेन की मुलाकात के बाद भी इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन की दादागीरी बढ़ती जा रही है. दक्षिण चीन सागर में फ्लोटिंग बैरियर लगाकर फिलीपींस के खिलाफ गुंडागर्दी के बाद अब चीन ने ऑस्ट्रेलियाई नौसैनिकों पर हमला किया है. चीन के एक युद्धपोत ने ‘सोनार पल्स’ से हमला कर आस्ट्रेलिया के दो नौसैनिकों को घायल कर दिया. ये घटना ऐसे समय में सामने आई है जब सोमवार को ही आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री राजधानी दिल्ली में भारतीय समकक्ष के साथ ‘टू प्लस टू’ (2+2) मीटिंग करने जा रहे हैं.
चीनी दुस्साहस की एक और बानगी ?
एक नेवल ऑपरेशन के दौरान ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के गोताखोर जापान के करीब समंदर में नेट साफ कर रहे थे. ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत एचएमएएस टुवूम्बा संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करने वाले मिशन के लिए लिए तैनात था. नेवी के गोताखोर ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत के प्रोपेलर से मछली पकड़ने के जाल को साफ करने के लिए उतरे थे. तभी चीनी युद्धपोत ने अपने सोनार सिस्टम को ऑन कर दिया (समंदर के नीचे तेज आवाज). चीनी हरकत की वजह से दो (02) गोताखोर घायल हो गए. उन्हें कान के पास चोट आई. ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने दावा किया है कि “पानी में मौजूद जहाजों ने कई वॉर्निंग दी थी कि अभी गोताखोरी अभियान चल रहा है. टुवूम्बा के कम्युनिकेशन के मिलने का बाद भी चीनी जहाज करीब आ गया और सभी चेतावनियों को नजरअंदाज किया और सोनार सिस्टम से अटैक किया गया, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई गोताखोरों को समंदर से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा.”
चीन पर भड़का ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने कहा, “एचएमएएस टुवूम्बा और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी-नेवी के युद्धपोत के बीच हुई मुठभेड़ एक गंभीर वाक्य है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी-नेवी का युद्धपोत खतरनाक तरीके से ऑस्ट्रेलियाई जहाज के करीब आ गया. हमारे नौसैनिकों के अनुरोध के बावजूद इस घटना को अंजाम दिया गया.” रिचर्ड मार्ल्स का आरोप है कि दूसरी चेतावनी जारी होने के तुरंत बाद, पीएलए विध्वंसक डीडीजी-139 ने अपने सोनार को ऑन कर दिया, जिससे 2 सैनिक घायल हो गए. रिचर्ड मार्ल्स ने एक्स पर पोस्ट करके लिखा है कि “यह असुरक्षित और गैर-पेशेवर आचरण है. हमारे कर्मियों की सुरक्षा और भलाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.”
ऑस्ट्रेलिया-चीन में तल्खी, सुलह डिरेल
इसी महीने की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथोनी अल्बानीज बीजिंग की आधिकारिक यात्रा पर गए थे. अल्बानीज सात साल में चीन जाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई पीएम हैं. इस यात्रा के दौरान अल्बानीज और शी जिनपिंग के बीच बैठक हुई थी. दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए बातचीत हुई थी, जहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की प्रतिबद्धता दोहराई थी.
चीन आस्ट्रेलिया में टेंशन, भारत में 2+2 बैठक
20 नवंबर यानी सोमवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच राजधानी दिल्ली में दूसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता होगी. 2+2 वार्ता की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे. राजनाथ सिंह और एस जयशंकर अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों रक्षा मंत्री (और उप प्रधानमंत्री) रिचर्ड मार्लेस और विदेश मामलों की मंत्री पेनी वोंग के साथ अहम बैठक करेंगे. मार्लेस और राजनाथ सिंह के बीच 20 नवंबर को रक्षा सहयोग पर एक द्विपक्षीय बैठक भी होगी. यूएस और जापान के अलावा ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों क्वाड के सदस्य हैं. क्वाड समूह हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने पर केंद्रित है. लेकिन चीन क्वाड समूह का विरोध करता आया है.
मोदी सरकार के बाद ऑस्ट्रेलिया से हुए संबंध मजबूत
हाल के सालों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और रणनीतिक संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं. इसकी वजह पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानीज के बीच दोस्ती है. पीएम मोदी इसी साल मई के महीने में ऑस्ट्रेलिया गए थे तो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से अपने रिश्ते को नई परिभाषा दी थी. पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया से अपना संबंध ‘थ्री सी’, ‘थ्री डी’, ‘थ्री ई’ की तरह बताया था. थ्री सी यानी कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और करी, थ्री डी है डेमोक्रेसी, डायस्पोरा और दोस्ती और थ्री ई हैं एनर्जी, इकोनॉमी और एजुकेशन. वहीं ऑस्ट्रेलिया पीएम ने भी दोस्ती को उदाहरण देते हुए पीएम मोदी को दुनिया का ‘बॉस’ बताया था.
क्रिकेट-डिप्लोमेसी
रविवार को आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा है. खुद पीएम मोदी इस दौरान स्टेडियम में मौजूद रहेंगे. आस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम (रक्षा मंत्री) भी इस दौरान उनके साथ मौजूद रहेंगे.
बाइडेन ने हाल ही में चीन को बताया था जिम्मेदार-देश
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आक्रामक रवैया, भारत जैसे पड़ोसी देशों की जमीन पर घुसपैठ करने और दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को एक ‘जिम्मेदार-देश’ बताया था. इसी हफ्ते चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर गए थे. उसी दौरान बाइडेन ने चीन को रोग-देशों की श्रेणी से निकालकर एक ‘रेस्पोंसिबल-कंट्री’ बताया था.