‘भारत को विरासत में मिली हैं अस्थिर समस्याओं की चुनौतियां’ भारतीय सेनाध्यक्ष का ये बयान ऐसे समय में आया है जब एलएसी पर चीन और एलओसी पर पाकिस्तान के साथ तनातनी है. चीन के साथ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल और पाकिस्तान के साथ लाइन ऑफ कंट्रोल पर विवाद ना खत्म होने को लेकर आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने एक बड़ा बयान दिया है. नागपुर में आईआईएम में संबोधन के दौरान जनरल मनोज पांडे ने ऐसा कुछ कह दिया है जिससे राजनीतिक हलकों में भी खलबली मच गई है.
विरासत में मिली समस्याएं, उलझाती रहेंगी: आर्मी चीफ
आईआईएम के एक कार्यक्रम में आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने सीमा पर उलझी हुई परिस्थितियों का जिक्र किया. जनरल पांडे ने सीमा पर विवाद न खत्म होने को लेकर कहा कि “हमे ये समस्याएं विरासत में मिली हैं, अस्थिर सीमाओं की चुनौतियां हमें उलझाना जारी रखेंगी.” जनरल पांडे ने कहा, “भारत की सशस्त्र सेनाओं को ‘अप्रत्याशित की अपेक्षा करें’ की कहावत के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है.” भू-राजनीतिक परिदृश्यों और सुरक्षा चुनौतियों को लेकर भी सेना को जागरूक रहने की जरूरत है.
दुनिया में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा आर्मी चीफ
आर्मी चीफ ने वैश्विक समस्याओं को लेकर भी खुलकर बात की. जनरल मनोज पांडे ने कहा- हिंद प्रशांत क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक तरीके से अधिकार को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास जैसे युद्ध के मद्देनजर दुनिया को ब्लैक श्वान जैसी घटनाओं के प्रति जागरूक रहना होगा. सेना प्रमुख ने कहा कि ब्लैक श्वान जैसी घटनाएं दुनिया में उथल-पुथल मचा सकती हैं. आर्मी चीफ ने कहा- ‘रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बीच जारी संघर्ष के परिणाम दूसरे देशों के बीच संबंधों को फिर से परिभाषित करेंगे, जो आने वाले दशकों में विश्व राजनीति को एक नया रंग देंगे. हमें किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने के लिए खुद को ढालना होगा’ इसी संदर्भ में बात करते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा- अप्रत्याशित की अपेक्षा करना एक ऐसी चीज है, जो हमारे लिए जरूरी है.
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