जर्मनी में चल रहे म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (एमएससी) में एक मुलाकात बेहद खास रही, जिसपर पूरी दुनिया की नजर थी. ये मीटिंग थी, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडा की समकक्ष (विदेश मंत्री) मेलानी जोली की. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के साथ भारत के संबंधों में आई दरार के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर और कनाडाई विदेश मंत्री में हुई है मुलाकात.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 60वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान अपनी कनाडाई समकक्ष मेलानी जोली से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. भारत और कनाडा के बीच ये मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही है क्य़ोंकि ये मीटिंग ऐसे वक्त में हुई है जब दोनों देशों में राजनयिक विवाद है.
एस जयशंकर ने कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली से मीटिंग के बाद एक्स पर लिखा, “हमारी बातचीत हमारे द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति पर केंद्रित थी. भारत और कनाडा में वैश्विक स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ.” मेलानी जोली ने भी एक्स पर एस जयशंकर से हुई मुलाकात के बारे में लिखा कि “म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2024 में डॉक्टर एस.जयशंकर और मेरे बीच कनाडा-भारत संबंधों तथा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण समेत वर्तमान वैश्विक मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई.”
पिछले साल 18 जून को कनाडा के कोलंबिया में भारत के वांटेड आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की गई थी. हत्या के करीब 3 महीने बाद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रू़डो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था. जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि सरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर ‘भारत सरकार के एजेंटों’ की ओर से हरदीप निज्जर की गोली मारकर हत्या की गई है. जस्टिन ट्रूडो के सारे आरोपों को खारिज करते हुए भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. भारत ने कनाडाई पीएम के बयान को बेतुका और प्रेरिक करार दिया था.
भारत ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि कनाडा अपनी धरती पर अलगाववादियों, आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों को शरण दे रहा है. एस जयशंकर ने कनाडा को लताड़ लगाते हुए कहा था कि “अगर कनाडा के पास आरोपों का सबूत है. तो दे. पर कनाडा के पास कोई सबूत नहीं है, अगर सबूत देगा तो भारत जांच करने के लिए तैयार है. कनाडा में भारतीय दूतावास पर हमले किए गए, अधिकारियों को डराया धमकाया गया पर कनाडा ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया ? “
कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. जिसके जवाब में भारत ने कनाडा का विरोध करते हुए करीब एक महीने तक नए वीजा पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और भारत ने भी कनाडाई राजनयिक को भारत छोड़ने को कहा था.
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हुआ है. कनाडा के अलावा विदेश मंत्री ने ब्रिटिश समकक्ष डेविड कैमरन, अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन और अर्जेंटीना की विदेश मंत्री डायना मोंडिनो और जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक से भी मुलाकात की है. शनिवार को सभी की निगाहें जयशंकर पर लगी होंगी जब वे सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |