सोमालियाई समुद्री-लुटेरों की विनाशक बनी भारतीय नौसेना की हिम्मत और दिलेरी की अमेरिका सहित पूरी दुनिया तारीफ कर रही है. अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड ऑस्टिन भारतीय नौसेनिकों के इस कदर कायल हुए कि उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फोन मिला लिया. इसके साथ ही यूरोपीय देश बुल्गारिया ने भी अपने देश के नागरिकों को सोमालियाई पायरेट्स के कब्जे से रिहा कराने पर पीएम मोदी का धन्यवाद दिया है.
अमेरिकी रक्षा सचिव (मंत्री) लायड ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री से टेलीफोन पर बात करके हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैतों के खिलाफ चलाए जा रहे एंटी पायरेसी ऑपरेशन्स के लिए भारतीय नौसेना के साहस की सराहना की.
भारतीय नौसेना ने पिछले हफ्ते अरब सागर में सोमालियाई समुद्री-लुटेरों के खिलाफ अभियान चलाकर 17 बंधकों को छुड़ाया था. समुद्री लुटेरों ने पिछले साल 14 दिसंबर को एमवी रुएन जहाज के चालक दल को बंधक बना लिया था. माल्टा के ध्वज वाले जहाज में सात नागरिक बुल्गारिया के थे. जहाज का करीब 35 समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था.
सोमालियाई लुटेरों ने एमवी रुएन जहाज को ‘पायरेट शिप’ में तब्दील कर दिया था. लूटपाट और जहाज के हाईजैक के इरादे से जैसे ही ये पायरेट शिप एक बार फिर समंदर में उतारा, भारतीय नौसेना चौकन्ना हो गई. बेहद ही अलर्ट और तुरंत कार्रवाई करते हुए भारतीय नौसेना ने भारतीय समुद्र तट से 2600 किलोमीटर दूर समुद्री लुटेरों के खिलाफ अभियान चलाया. इंडियन नेवी के इस ऑपरेशन में वायुसेना के सी-17 विमान ने मार्कोस (मरीन कमांडो) को एयरड्रॉप किया.
सोमालियाई लुटेरों ने शुरूआत में नौसेना के युद्धपोत और ड्रोन पर फायरिंग करने की कोशिश की. इसके अलावा क्रू के सदस्यों को ‘ह्यमून-शील्ड’ बनाने की कोशिश की. लेकिन मार्कोस के ऑपरेशन से घबराए सोमालियाई दस्युओं को आखिरकार सरेंडर करना पड़ा. नौसेना ने सरेंडर के वीडियो भी जारी किए जिसमें सभी पायरेट अर्धनग्न अवस्था में शिप पर बैठे हुए दिखाई पड़ रहे हैं (https://x.com/FinalAssault23/status/1769356021779079539?s=20).
जानकारी के मुताबिक, पहली बार भारतीय सेना इतनी बड़ी संख्या में समुद्री-लुटेरों को हिरासत में भारत लेकर आ रही है. इससे पहले की घटनाओं में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत भारतीय नौसेना इन लुटेरों को चेतावनी देकर छोड़ दी थी. लेकिन इस बार मालवाहक जहाज को पहले हाईजैक करने और फिर उसे पायरेट-शिप में तब्दील करने से नौसेना के सब्र का बांध टूट गया है. यही वजह है कि सोमालियाई समुद्री लुटेरों को एक कड़ा संदेश देने के इरादे से भारतीय नौसेना इन सभी 35 लुटेरों को भारत लेकर आ रही है ताकि उन पर भारतीय कानून के हिसाब से मुकदमा चलाया जा सके.
नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, इस मेरीटाइम ऑपरेशन में युद्धपोत आईएनएस कोलकाता के अलावा आईएनएस सुभद्रा जंगी जहाज, सी गार्डियन ड्रोन और पी-8I निगरानी विमान भी तैनात किए गए थे. करीब 40 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना ने ना सिर्फ 35 सोमालियाई समुद्री डाकुओं को पकड़ा, बल्कि उनके द्वारा बंधक बनाए गए 17 लोगों को भी सुरक्षित बचा लिया .
रिहा कराए गए बंधकों में 09 बुल्गारियाई नागरिक भी शामिल हैं. यही वजह है कि बुल्गारियाई राष्ट्रपति से लेकर विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर का तहेदिल से धन्यवाद दिया है (https://x.com/PresidentOfBg/status/1769746012707364994?s=20). पीएम ने बुल्गारियाई राष्ट्रपति के एक्स अकाउंट के जवाब में लिखा कि “हिंद महासागर में नेविगेशन की स्वतंत्रता और पायरेसी सहित आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है.” विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने बुल्गारियाई समकक्ष को रिप्लाई किया कि “मित्र इसी लिए होते हैं.” (https://x.com/narendramodi/status/1769922232816476288?s=20)
पिछले कुछ महीनों में भारतीय नौसेना ने पश्चिम हिंद महासागर में कई व्यापारिक जहाजों पर हमलों को रोका है. जनवरी के महीने में भी अरब सागर में भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो (मार्कोस) ने एक बड़े ऑपरेशन में लाईबेरिया के एक व्यापारिक जहाज को सोमालियाई लुटेरों के कब्जे से छुड़ाकर सभी 21 क्रू-सदस्यों को सकुशल बचा लिया था. बचाए गए लाइबेरियाई जहाज एमवी लीला नॉरफोक में 21 क्रू-मेंबर्स में से 15 भारतीय नागरिक थे. उस वक्त भी उत्तरी अरब सागर के मिशन में मार्कोस के साथ एमक्यू-9 प्रीडेटर ड्रोन, हेलीकॉप्टर, पी8आई एयरक्राफ्ट और आईएनएस चेन्नई युद्धपोत की मदद भी ली गई थी.
हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसैनिकों की कार्रवाई से दुनियाभर में नेवी की प्रशंसा की जा रही है. जिसके बाद अब खुद अमेरिकी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह को फोन करके नौसैनिकों के सफल ऑपरेशन पर बधाई दी है, साथ ही दूसरे देशों को भारत द्वारा दी जा रही मदद की सराहना की है. (https://x.com/SecDef/status/1769711598585692273?s=20)
रक्षा मंत्री से फोन पर बातचीत के दौरान राजनाथ सिंह और लायड ऑस्टिन ने भारत-अमेरिका में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राजनाथ सिंह और लायड ऑस्टिन ने फरवरी 2024 में दिल्ली में आयोजित हुई इंडस-एक्स शिखर सम्मेलन और 18 मार्च को भारत में ही शुरू तीनों सेनाओं के द्विपक्षीय अभ्यास ‘टाइगर ट्रायम्फ’ की समीक्षा की. इसके अलावा भारतीय शिपयार्डों में अमेरिकी नौसैनिक जहाजों की मरम्मत जैसे अन्य रक्षा औद्योगिक सहयोग मुद्दों पर भी बात की गई. 31 एमक्यू-9बी ड्रोन की सैन्य बिक्री की योजना पर भी चर्चा हुई. भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग रोडमैप को लागू करने के तरीकों और साधनों पर भी मंथन किया गया.
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |