ईरान और अफगानिस्तान से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान अब भारत से संबंध सुधारने की फिराक में जुटा है. पहले व्यापार शुरु करने की गुहार करने के बाद अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने आम चुनाव के बाद भारत से संबंध पटरी पर आने की आस लगाई है. दरअसल, भारत की ‘आक्रामक रणनीति’ से घबराया पाकिस्तान अब भारत से दोस्ती की पींगें बढ़ाना चाहता है.
मंगलवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत में होने वाले आम “चुनाव के बाद दोनों देशों के संबंध सुधर जाएंगे.” कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा था कि उनकी (पाकिस्तान की) सरकार भारत से व्यापारिक संबंध सुधारने का प्रयत्न करेगी.
वहीं मंगलवार को ही संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में पाकिस्तान को डिसआर्मामेंट कमीशन (निरस्त्रीकरण आयोग) का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया. कमीशन का अध्यक्ष बनने के बाद संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के स्थाई राजदूत मुनीर अकरम ने कहा कि दक्षिण एशिया में भारत के हथियारों के जखीरे के चलते परिस्थितियां बेहद ही नाजुक और विस्फोट बनी हुई हैं. मुनीर ने भारत की ‘कोल्ड-स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ का खास जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान पर खतरा मंडरा रहा है. मुनीर ने भारत को उसके मित्र-देशों से मिलने वाले परमाणु हथियार और मिसाइल इत्यादि का बखान भी यूएन असेंबली में किया.
दरअसल, पिछले कुछ सालों से भारतीय सेना ‘कोल्ड-स्टार्ट’ डॉक्ट्रिन के तहत तैयारी कर रही है. इसके तहत टू-फ्रंट यानी चीन-पाकिस्तान किसी भी बॉर्डर पर उत्पन्न होने वाले खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना 12 महीने तैयार रहती है और महज 24-48 घंटे में सीमा पर बड़ी मोबिलाइजेशन कर सकती है. बस इसी से चीन और पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ी हुई है. वहीं पाकिस्तान की सेना के पास जंग लगे टैंक हैं और मिलिट्री व्हीकल्स को चलाने के लिए तेल तक नहीं है. चीन की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो रही है, जिससे हथियारों की खरीद भी बा-मुश्किल हो रही है.
वही पाकिस्तान के पश्चिमी सीमा पर दोनों पड़ोसी देश, ईरान और अफगानिस्तान से हाल के महीनों में संबंध बेहद खराब हो गए हैं. ईरान ने तो पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एयर-स्ट्राइक तक कर दी है. अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा में आए दिन पाकिस्तानी सेना और चीनी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी चौकियों पर बड़े हमले हो रहे हैं.
यही वजह है कि पाकिस्तान अब भारत से संबंध सुधारना चाहता है. हालांकि, एलओसी को लेकर पाकिस्तान ने भारत से वर्ष 2021 में युद्धविराम संधि कर ली थी लेकिन राजनयिक और व्यापारिक संबंध पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक से पूरी तरह ठंडे बक्से में हैं.
भारत में इस महीने से चुनावी प्रक्रिया शुरु हो गई है और 4 जून को परिणाण सामने आ जाएंगे. ऐसे में नई सरकार का गठन जून के आखिरी हफ्ते तक होने की पूरी संभावना है.
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