बीजिंग के दौरे पर गए रुस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ कह दिया है कि यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के जेलेंस्की के पीस फॉर्मूले को उनका देश पूरी तरह खारिज करता है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मौजूदगी में लावरोव ने कहा कि उन्हें यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की शर्तें कतई मंजूर नहीं है क्योंकि ये पूरी तरह से ‘हकीकत से परे है’.
रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए जून के महीने में स्विजटरलैंड में एक शांति वार्ता होने वाली है. शांति शिखर सम्मेलन को लेकर जेलेंस्की पूरी दुनिया से समर्थन मांग रहे हैं. इसके लिए यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत को भी आमंत्रित किया था. इसके अलावा यूक्रेन का पूरा जोर ग्लोबल साउथ के देशों को इस वार्ता में शामिल करने पर है.
रूस में पुतिन सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार पुतिन का दूत बनकर रूसी विदेश चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पास पहुंचे थे (8-9 अप्रैल). माना जा रहा है कि मई में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाकात हो सकती है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की बीजिंग यात्रा को पुतिन की यात्री की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है. इसके अलावा यूक्रेन युद्ध में अंतरराष्ट्रीय समर्थन के लिए चीन का कूटनीतिक तौर से रुस के साथ होना भी बेहद मायने रखता है. क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद रुस, कूटनीतिक तौर पर दुनिया से अलग थलग पड़ गया था. पश्चिमी देश जहां रूस के खिलाफ यूक्रेन को समर्थन कर रहे हैं, वहीं रूस चीन, उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ संबंध और मजबूत कर रहा है. चीन और रूस ने हाल के वर्षों में संपर्क बढ़ाया है. यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बाद से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और भी घनिष्ठ हो गई है.
मॉस्को की अनदेखी कर अंतरराष्ट्रीय बैठकें निरर्थक: रूस
रूसी विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष चीनी विदेश मंत्री वांग यी से अहम मुलाकात की. इस दौरान वांग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीजफायर और युद्ध को जल्दी खत्म करने के लिए चीन के आह्वान को दोहराया. वांग ने कहा कि “चीन उचित समय पर इंटरनेशनल बैठक बुलाने का समर्थन करता है, जिसमें रूस और यूक्रेन दोनों की मंजूरी हो. ताकि सभी पक्ष समान रूप से भाग लें और शांति समाधानों पर निष्पक्ष रूप से चर्चा करें.” अमेरिका की ओर इशारा करते हुए चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि “चीन शीत युद्ध की मानसिकता का विरोध करता है.’ वांग की ये टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब इसी साल स्विट्जरलैंड में शांति सम्मेलन की पैरवी की गई है पर रूस को इस बैठक में शामिल नहीं किया गया है. लावरोव ने चीनी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद कहा कि “चीन और रूस ने यूक्रेन पर चर्चा की और इस बात पर सहमति व्यक्त की कि मॉस्को के हितों की अनदेखी करते हुए युद्ध पर अंतर्राष्ट्रीय बैठकें निरर्थक हैं.”
रूस के बिना कैसे होगी शांति वार्ता: चीन
अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन को लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की अपने शांति फॉर्मूले के लिए व्यापक समर्थन चाहते हैं, जिसमें रूसी सैनिकों की यूक्रेन से पूरी तरह से वापसी की बात कही गई है. लेकिन शांति वार्ता में मॉस्को को शामिल नहीं किया गया है. जेलेंस्की ने एक बयान में कहा कि स्विट्जरलैंड में होने वाले पहले शांति शिखर सम्मेलन में रूस को आमंत्रित नहीं किया जाएगा. जबकि चीन और स्विट्जरलैंड इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यूक्रेन में युद्ध को पूरी तरह से समाप्त करने के उद्देश्य से वार्ता में रूस को आमंत्रित किया जाए.
चीन की प्रगति रोकने की कोशिश: लावरोव
चीन के दौरे पर पहुंचे रूसी विदेश मंत्री ने शी जिनपिंग की तारीफ की. लावरोव ने कहा, “हम पिछले कुछ वर्षों में और मुख्य रूप से पिछले दशक में आपके नेतृत्व में हासिल की गई सफलता पर अपनी सर्वोच्च प्रशंसा और प्रशंसा व्यक्त करना चाहते हैं, हम इन उपलब्धियों से अत्यंत प्रसन्न हैं क्योंकि ये हमारे मित्रों की हैं. हमने देखा है कि दुनिया में हर कोई एक जैसा रवैया नहीं अपनाता है और चीन और रूस के विकास को रोकना चाहता है.” लावरोव के बयान के बाद शी जिनपिंग ने लावरोव से कहा कि “चीन मॉस्को के साथ संबंधों को बहुत महत्व देता है. द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और बहुपक्षीय रणनीतिक समन्वय के लिए रूस के साथ चीन तैयार है.”
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