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स्विट्जरलैंड में यूक्रेन पीस समिट Panopticon : पुतिन

यूक्रेन युद्ध को लेकर स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति सम्मेलन को रूस के राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन ने ‘पनोप्टिकॉन’ और सर्कस तक करार दिया है. पीस समिट को लेकर भड़के पुतिन ने उस दावे का खंडन कर दिया है, जिसमें स्विट्जरलैंड ने कहा था कि पीस समिट के लिए ‘रूस को आमंत्रित किया गया है’.

क्या होता है पनोप्टिकॉन

पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि “हम पर कुछ थोपा नहीं जा सकता.” बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ बैठक में पुतिन ने कहा है कि “चूंकि हम वहां नहीं जा रहे हैं, इसलिए हमारे बिना शांति वार्ता पूरी तरह से सर्कस है.” रुसी राष्ट्रपति ने स्विट्जरलैंड में होने वाली बैठक को ‘पनोप्टिकॉन’ घोषित कर दिया. दरअसल, पनोप्टिकॉन एक ऐसी जेल होती है जहां सभी कैदी अलग-अलग सेल में रहते हैं और एक दूसरे को नहीं देख पाते हैं. लेकिन जेल-वार्डन एक जगह से बैठकर सभी कैदियों की सेल पर नजर रख सकता है.

हम पर कुछ थोपने की कोशिश न करें: पुतिन
जून में स्विट्जरलैंड में होने वाली कॉन्फ्रेंस को लेकर व्लामिदिर पुतिन ने मजाक उड़ाते हुए चेतावनी दी है कि “मॉस्को अपने हितों की अनदेखी करने वाले किसी भी लागू समझौते को स्वीकार नहीं करेगा.” बेलारूस के राष्ट्रपति से पीस समिट को लेकर बात करते हुए पुतिन ने कहा है, “हमारा स्विट्जरलैंड में होने वाली शांति वार्ता से कोई लेना-देना नहीं है. पर हमारे बिना कुछ भी तय करना नामुमकिन है.” पुतिन ने यूक्रेन के साथ एक बार फिर शांति का समर्थन करते हुए कहा है कि “हम चाहते हैं कि शांति हो, पर हमारे हितों को नजरअंदाज करके कुछ भी थोपने का वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है, रूस का लक्ष्य किसी को मुश्किल में डालना नहीं है.”

‘शांति’ नहीं संघर्ष बढ़ाने पर बात करेंगे: बेलारूस
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको के साथ यूक्रेन पर चर्चा हुई. इस दौरान बेलारूस के राष्ट्रपति ने भी रूस की बात को सही बताया. बेलारूस के राष्ट्रपति ने कहा, “स्विट्जरलैंड जून में होने वाली कॉन्फ्रेंस को शांति सम्मेलन बता रहा है. पर वो लोग सिर्फ इस बात पर सहमत होंगे की संघर्ष को कैसे बढ़ाया जाए. क्या रूस के बिना कोई शांति प्रक्रिया हो सकती है ? वो रूस के बिना यूक्रेन में शांति के बारे में बात करना चाहते हैं, तो उन्हें करने दें.”

हम चाहते हैं रूस शांति प्रक्रिया में शामिल हो: स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड की सरकार ने औपचारिक तौर पर जून में होने वाली शांति सम्मेलन में अमेरिका, चीन, भारत, यूरोपीय संघ समेत तमाम देशों को आमंत्रित किया है. अलग अलग देशों के 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों के सम्मेलन में शामिल होने का दावा किया गया है. स्विट्जरलैंड ने उम्मीद जताई है कि रूस किसी दिन शांति प्रक्रिया में शामिल होगा. स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति वियोला एमहर्ड ने भी बयान जारी करते हुए कहा था कि “जून में होने वाला दो दिवसीय सम्मेलन आखिरी नहीं है. कई और दौर की बातें होंगी.” (Ukraine: स्विस शांति वार्ता में रुस भी आमंत्रित)

पुतिन चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस मध्यस्थ की भूमिका एक बार फिर निभाए. पर यूक्रेन ने पीस सम्मेलन के लिए स्विट्जरलैंड को चुना है, क्योंकि यूक्रेन के अलावा कई और देशों को भी ये मानना है कि स्विट्जरलैंड तटस्थ है. पर रूस ने कह दिया है कि अब स्विट्जरलैंड तटस्थ नहीं रहा है.

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