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50 लाख डॉलर की फिरौती, बांग्लादेशी जहाज रिहा

सोमालियाई (सोमाली) समुद्री-डकैतों ने 50 लाख डॉलर लेकर अपहरण किये ‘एमवी अब्दुल्ला’ जहाज को रिहा कर दिया है. जहाज एमवी अब्दुल्ला के बंदी बनाए गए 23 बांग्लादेशी क्रू मेंबर की रिहाई के लिए समुद्री डाकुओं ने 5 मिलियन डॉलर की फिरौती की मांग की थी. पिछले महीने बांग्लादेशी ध्वज वाले जहाज को मोजाम्बिक से यूएई जाते समय समुद्री डाकुओं ने अगवा कर लिया था. इस जहाज को क्रू के सदस्यों के साथ समुद्री-लुटेरे सोमालिया ले गए थे. 

मार्च के महीने में एमवी अब्दुल्ला जहाज पर सोमालियाई लुटेरों ने अटैक किया था. अपहरण सोमालिया की राजधानी मोगादिशु से करीब 600 समुद्री मील पूर्व में हुआ था. बांग्लादेश का झंडा लगा जहाज व्यापारी जहाज है, जिसका उपयोग बड़ी मात्रा में माल परिवहन करने के लिए किया जा रहा था. श्रेय कबीर स्टील री-रोलिंग मिल्स के मालिकाना हक वाले जहाज को जब समुद्री लुटेरों ने पकड़ा तब उसमें 55,000 टन कोयला ले जाया जा रहा था. एक महीने से ज्यादा कब्जे के बाद सोमाली समुद्री लुटेरों ने 5 मिलियन डॉलर की फिरौती मिलने के बाद अपहृत जहाज एमवी अब्दुल्ला को रिहा कर दिया.

यूरोपीय संघ (ईयू) और भारतीय नौसेना ने जहाज एमवी अब्दुल्ला के क्रू को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन करने के लिए बांग्लादेश सरकार और जहाज के मालिक को ऑफर दिया था. पर  बांग्लादेश सरकार और जहाज का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी दोनों ने ही इस प्रस्ताव को नहीं माना. एमवी अब्दुल्ला के अगवा होने के बाद भारतीय नौसेना ने जवाबी कार्रवाई भी की थी (ग्रेट-पावर बनने के साथ समुद्री सुरक्षा का ‘संकल्प’: नेवी चीफ).

भारतीय नौसेना ने पिछले दिनों पश्चिमी हिंद महासागर में खतरों से निपटने के लिए मजबूत कदम उठाए हैं. भारतीय नौसेना ने समुद्री-लूटपाट, हाईजैकिंग और ड्रोन हमलों जैसे कई बड़ी प्रमुख घटनाओं का जवाब देते हुए समुद्री लुटेरों को नाकाम किया है. नौसेना की फौरन कार्रवाई से 100 से ज्यादा लोगों की जान भी बचाई गई है. अगर बांग्लादेश सरकार ने भारतीय नेवी को परमिशन दी होती तो फिरौती दिए बिना नागरिक सुरक्षित बचाए जा सकते थे और समुद्री लुटेरे भी गिरफ्त में आ सकते थे. हाल के दिनों में समुद्री लुटेरों के हौसले बुलंद हो गए हैं. ईरान समर्थित हूती के समंदर में हमलों के बाद अराजकता है. 

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