ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के इस्लामाबाद दौरे से पहले अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को एक बड़ा झटका दिया है. अमेरिका ने चीन की उन तीन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है जो पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट में मदद करती थी.
अमेरिका ने जिन तीन चीनी कंपनियों पर बैन लगाया है, वे हैं शियान लोंगेडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट, तियानजिन क्रिएटिव सोर्स इंटरनेशनल ट्रेड और ग्रेनपैक्ट कंपनी लिमिटेड. अमेरिका का आरोप है कि ये तीनों कंपनियां पाकिस्तान के वेपंस ऑफ मास डिस्ट्रक्शन (सामूहिक विनाश के हथियारों) के निर्माण और बढ़ावा देने में लिप्त हैं. चीन की इन तीन कंपनियों के अलावा अमेरिका ने बेलारुस की मिंस्क व्हील ट्रैक्टर प्लांट नाम की एक अन्य कंपनी को भी पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट में मदद करने के लिए बैन किया गया है (https://x.com/StateDeptSpox/status/1781425586268701060).
अमेरिका के चीन और बेलारूस की इन कंपनियों पर प्रतिबंध के मायने ये है कि इनकी अमेरिका स्थित सभी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी. इसके अलावा इन कंपनियों के प्रतिनिधियों की संपत्तियों को भी सीज कर लिया जाएगा. अमेरिका का ये कदम पाकिस्तान के लॉन्ग रेंज मिसाइलों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि, अमेरिका ने ये साफ नहीं किया है कि पाकिस्तान के खिलाफ इतना बड़ा कदम क्यों उठाया गया है. लेकिन माना जा रहा है कि ईरान के राष्ट्रपति की यात्रा को देखते हुए अमेरिका ने चीन और बेलारूस की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है ताकि पाकिस्तान अपने बैलिस्टिक कार्यक्रम को आगे ना बढ़ पाए.
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी 22 अप्रैल यानी सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं. रईसी का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब मिडिल ईस्ट में ईरान का इजरायल के साथ युद्ध किसी भी समय शुरु हो सकता है. 13 अप्रैल को ईरान के इजरायल पर किए गए बड़े हमले के बाद इजरायल किसी भी समय जवाबी कार्रवाई कर सकता है. इजरायल का दावा है कि 13 अप्रैल को ईरान द्वारा ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के तहत ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइलों के जरिए किए गए हमले को नाकाम कर दिया गया था.
टीएफए की हालिया इंस्वेटीगेशन में ये बात सामने आई थी कि ईरान के शहीद-136 ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों में चीनी उपकरण और बेइदौ नेविगेशन सिस्टम के कारण हमला असफल हो गया था. ऐसे में रईसी क्या पाकिस्तान के रास्ते एक बार फिर चीन से मदद लेने जा रहे हैं. क्योंकि चीन और पाकिस्तान की दोस्ती किसी से छिपी नहीं रही है. चीन आज पाकिस्तान को सैन्य मदद से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक मदद तक करता है (चीन के हथियार, BeiDou से ईरान हुआ फेल ? (TFA Exclusive)).
ईरान के राष्ट्रपति का इस्लामाबाद दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच संबंध काफी नाजुक दौर में चल रहे हैं. ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में जैश ए अदल नाम के आतंकी संगठन के ठिकानों पर एरियल स्ट्राइक की थी. जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने भी ईरान के सीमावर्ती इलाकों में बिना वार-हेड की मिसाइलों से हमला किया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि रईसी अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से संबंध सुधारने जा रहे हैं ताकि ईरान का पूरा ध्यान इजरायल पर लगा रहे.