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अमेरिका का सीसी-1 है RAW का ‘विक्रम यादव’ ?

भारत में आम चुनाव के बीच अमेरिका ने एक बार फिर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश रचने के आरोप में रॉ के अधिकारी का नाम उजागर किया है. अमेरिकी मीडिया ने अधिकारी के साथ ही रॉ के तत्कालीन चीफ (सेक्रेटरी) सामंत गोयल को भी कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है. 

अमेरिकी मीडिया में भारत की सबसे बड़ी इंटेलिजेंस एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आर एंड डब्लू यानी रॉ) के जिस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वे हैं ‘विक्रम यादव’. अमेरिकी न्याय विभाग ने अदालत में दायर चार्जशीट में विक्रम यादव का नाम गुप्त रख सिर्फ ‘सीसी-1’ लिखा है. लेकिन मीडिया ने सूत्रों के हवाले से विक्रम यादव के नाम का खुलासा किया है. अमेरिका के मुताबिक, सीसी-1 (विक्रम) पहले सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) में कार्यरत थे और ‘बैटल-क्राफ्ट और वेपन्स में ट्रेनिंग’ ले चुके हैं. फिलहाल वे भारत की एजेंसी (रॉ) में सीनियर फील्ड ऑफिसर के पद पर तैनात हैं और सिक्योरिटी मैनेजमेंट सहित इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. 

यूएस जस्टिस विभाग के मुताबिक, सीसी-1 (विक्रम यादव) ने ही चेक गणराज्य में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या करने का आदेश दिया था. मीडिया के मुताबिक, पन्नू की हत्या को व्रिकम यादव ने प्राथमिकता करार दिया था. विक्रम ने ही निखिल गुप्ता को पन्नू के न्यूयॉर्क के घर का पता दिया था. मीडिया के मुताबिक, तत्कालीन रॉ चीफ सामंत गोयल के इशारे पर ही व्रिकम यादव ने पन्नू की सुपारी दी थी. मीडिया रिपोर्ट में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए हैं. 

पिछले साल जून (2023) में अमेरिका के टिपऑफ पर यूरोपीय देश चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता उर्फ निक को पन्नू की हत्या की कोशिश की सुपारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. अमेरिका का दावा है कि जिस शख्स को निखिल गुप्ता ने पन्नू की सुपारी दी थी वो और कोई नहीं यूएस ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (डीएई) का ही एक सोर्स था. इस सोर्स ने डीएई के एक अधिकारी को हिटमैन के तौर पर निखिल गुप्ता से मुलाकात कराई थी. 

निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने न्यूयॉर्क कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी जिसमें भारत सरकार के एक (पूर्व) अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। चार्जशीट के मुताबिक, इस अधिकारी ने निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या करने का आदेश दिया था. चार्जशीट में पूर्व अधिकारी का नाम न लिखकर मात्र सीसी-1 लिखा गया था. चार्जशीट तैयार कराने में अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) और डीईए ने अहम भूमिका निभाई है. अमेरिका की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) ने भी जांच में सहयोग किया है. यही वजह है कि पिछले साल सितंबर के महीने में सीआईए के चीफ ने भारत का दौरा किया था. 

गौरतलब है कि जिस दिन (30 जून 2023 को) चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता को गिरफ्तार किया था उसी दिन सामंत अपने पद से रिटायर हुए थे. पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी सामंत जून 2019 में रॉ के चीफ के पद पर तैनात किए गए थे. वर्ष 2022 में उन्हें एक साल का विस्तार दिया गया था. हालांकि, विस्तार देते समय उनके लेटर पर रिटायरमेंट की तारीख 30 जून (2023) ही लिखी थी.  सामंत वर्ष 2001 से रॉ में तैनात थे. उससे पहले सामंत ने पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ लड़ने में अहम भूमिका निभाई थी. 

खास बात ये है कि जिस वक्त पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में निक को गिरफ्तार किया गया था, उससे कुछ दिनों पहले ही कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की गई थी. इस मामले में कनाडा ने भी भारत को आरोपी ठहराया है.

हालांकि, अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट पर भारत के विदेश मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है. लेकिन हाल ही में एक विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर भारत के किसी नागरिक का किसे मामले में नाम सामने आया तो उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाएगी.

रविवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ओंटेरियो में सिख समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे (बेशर्म Trudeau, खालिस्तान जिंदाबाद सुन मुस्कुराए). इसको लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ा ऐतराज जताया है और दिल्ली में तैनात कनाडा के डिप्टी हाई कमिश्नर को समन किया (https://x.com/MEAIndia/status/1784948461864927249).