भारत में तीसरी बार मोदी लहर को देखते हुए चीन के रुख में लगातार बदलाव देखा जा रहा है. भारत की कूटनीति और विदेश नीति के चलते चीन की भाषा में लगातार सुधार है. चीन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान की तारीफ की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी प्रभुत्व अब समाप्त हो गया है.
जयशंकर ने दिया बेहद कड़ा संदेश- चीन
नेपाल में चीन के राजदूत चेन सोंग ने विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो डालकर तारीफ की है. चीनी राजदूत ने एक्स अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘यह बहुत कड़ा संदेश है. दरअसल इस वीडियो में विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी प्रभुत्व को लेकर कड़ा संदेश देते दिखाई दिए. एस जयशंकर ने बेबाकी से अपने वीडियो में कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रभुत्व, जो शीत युद्ध की समाप्ति के बाद शुरू हुआ, प्रभावी रूप से समाप्त हो गया है.” (https://x.com/PRCAmbNepal/status/1789919807481012597)
चीन और अमेरिका दोनों ही महाशक्तियों में प्रतिस्पर्धा रहती है. चीन भी हमेशा अमेरिकी प्रभुत्व के खिलाफ बोलता रहा है. लिहाजा चीन को एस जयशंकर का बयान इतना पसंद आया है कि चीनी राजदूत उसे शेयर किए बिना नहीं रुक सके.
जयशंकर ने अमेरिका के लिए क्या कहा ?
एस जयशंकर अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं. सामने कोई भी देश हो बिना दबाव वो कह देते हैं, जो उन्हें कहना होता है. चीन ने जयशंकर के जिस बयान की तारीफ की है, उसमे एस जयशंकर ने कहा है, “अमेरिका आज भी दुनिया की प्रमुख महाशक्ति है, लेकिन कई कारणों से, आप कह सकते हैं कि अमेरिका और पायदान पर उसके बाद खड़ी महाशक्ति पहले की तुलना में उसके काफी करीब पहुंच गई हैं. दुनिया को लेकर अमेरिका के रवैये में भी बदलाव आया है. अमेरिका का प्रभुत्व प्रभावी रूप से खत्म हो गया है.”
सीमा पर तनाव पर भारत-चीन आ रहे करीब
ये कोई पहला मौका नहीं है, जब चीन ने भारत या जयशंकर की तारीफ की है. कुछ दिनों पहले चीनी मीडिया ने भारत और पीएम मोदी की तारीफ वाला लेख छापा था तो पिछले सप्ताह चीन ने 18 महीने बाद भारत में पहले चीनी राजदूत की तैनाती की है. पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में चीन से संबंध सुधारने की बात कही थी, तो चीन ने भी पीएम मोदी के बयान पर पॉजिटिव प्रतिक्रिया दी थी. पीएम मोदी ने कहा था कि “सीमा पर शांति लाने के लिए हालातों पर तुरंत बात करने की आवश्यकता है, भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं.” एस जयशंकर ने चीन के संबंधों पर भी जोर दिया है. इंटरव्यू में कहा है कि “कूटनीति धैर्य का काम है और भारत चीनी पक्ष के साथ मुद्दों पर चर्चा करता रहेगा. अगर रिश्ते सामान्य हो रहे हैं तो हमें मुद्दों को हल करना होगा.”
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर चार साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है. कई राउंड की बात हो चुकी है लेकिन ऐसा लगता है कि अलग-अलग मोर्चों पर घिरा चीन भारत से रिश्ते सुधारने में जुट गया है.