यूक्रेन से चल रहे युद्ध के बीच रूस की अब ब्रिटेन से भी तनातनी शुरु हो गई है. रुस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मॉस्को स्थित ब्रिटेन के डिफेंस अटैचे को अपने देश से निष्कासित कर दिया है. पिछले हफ्ते ही ब्रिटेन ने जासूसी के आरोप में रूसी डिफेंस अटैचे (डीए) को निष्कासित कर दिया था. अब रुस ने ब्रिटेन के डीए एड्रियन कॉघिल को मास्को से निष्कासित कर दिया है.
रूस ने ब्रिटेन के डिफेंस अटैचे को फौरन देश छोड़ देने को कहा है. रूस ने अपने आदेश में कहा कि एक सप्ताह में एड्रियन कॉघिल रूस छोड़ दें. ब्रिटेन के रक्षा सचिव ग्रांट शाप्स ने रूस के कॉघिल के निष्कासन को हताशा वाला कदम बताया.
ब्रिटेन के रक्षा अताशे पर रूसी एक्शन
रूस के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि “ब्रिटिश राजनयिक को बताया गया था कि, मॉस्को में यूके दूतावास में डिफेंस अटैचे एड्रियन कॉघिल को अवांछित (अनवॉन्टेड) व्यक्ति घोषित किया जाता है. उन्हें एक हफ्ते के भीतर रूस को छोड़ना होगा. रूसी विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि डिफेंस अटैचे पर ये एक्शन ब्रिटेन के एक्शन के बाद लिया गया है.”
रूस ने कहा कि “ब्रिटेन के डिफेंस अटैचे को हटाना रूस विरोधी कार्रवाइयों पर हमारी प्रतिक्रिया है, जो 8 मई को घोषित की गई थी. सिर्फ रक्षा अटाचे के हटाने तक हम सीमित नहीं रहेंगे. तनाव भड़काने वालों को आगे के प्रतिक्रिया कदमों के बारे में सूचित किया जाएगा.”
रूस ने ब्रिटेन के आरोपों का विरोध किया
8 मई को ब्रिटेन ने जासूसी के आरोपों में रूस के डीएपर एक्शन लिया था. जिसका विरोध जताते हुए रूस ने ब्रिटिश दूतावास के एक प्रतिनिधि को तलब किया और लंदन से रूस के डीए को निष्कासित करने के ‘बेबुनियाद फैसले पर’ कड़ा ऐतराज जताया. रूस ने ब्रिटेन के एक्शन को रूस के प्रति ईर्ष्या रखने वाला और राजनीति से प्रेरित बताया था. रूस ने कहा था कि “ब्रिटेन के एक्शन से रूस और ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंधों पर नुकसान पड़ रहा है.”
ब्रिटेन के रक्षा अताशे पर कार्रवाई पर ब्रिटेन ने क्या कहा?
ब्रिटेन के रक्षा सचिव ग्रांट शाप्स ने रूस के कॉघिल के निष्कासन को हताशा वाला कदम बताया है. शाप्स ने कहा कि “ब्रिटेन में रूस का डीए एक जासूस के रूप में काम कर रहा था. रूसी राष्ट्रपति पुतिन का ब्रिटेन के साथ एकमात्र मुद्दा ये है कि उन्होंने यूक्रेन के लिए ब्रिटेन के अटूट समर्थन को दर्शाया था”
ब्रिटेन ने रूसी रक्षा अताशे पर क्या आरोप लगाए थे ?
ब्रिटेन ने रूसी डीए पर जासूसी का आरोप लगाया था. ब्रिटेन के मुताबिक, “रूसी सरकार ने जर्मनी और पोलैंड में यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता में तोड़फोड़ करने की योजना बनाई और नागरिक हवाई यातायात में बाधा डालने के लिए साइबर और दुष्प्रचार गतिविधियों, हवाई क्षेत्र के उल्लंघन और जीपीएस सिग्नलों को जाम करने के साथ-साथ बुल्गारिया और इटली में जासूसी की.” इन्हीं आरोपों के बाद ब्रिटेन ने रूस के डीए को ब्रिटेन से निष्कासित कर दिया था.
कैसे हैं रूस और ब्रिटेन में संबंध ?
रूस और ब्रिटेन में बहुत अच्छे संबंध कभी नहीं रहें हैं. दोनों देश एक दूसरे की जासूसी करने का आरोप लगाते रहे हैं. लेकिन युद्ध के समय यूक्रेन का साथ देने पर रूस के ब्रिटेन के साथ संबंध और बिगड़ गए हैं. यूक्रेन युद्ध में जेलेंस्की की मदद करने और हथियार सप्लाई करने पर ब्रिटेन पर पुतिन भड़के हुए हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ब्रिटेन ने सैकड़ों अमीर रूसियों पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. अब जासूसी के आरोपों पर ब्रिटेन और रूस के बीच खाई और गहरी हो गई है. रुस का आरोप है कि युद्ध के शुरुआती हफ्तों में यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर करार होने जा रहा था लेकिन इंग्लैंड ने ऐसा नहीं होने दिया. रुस का आरोप है कि इंग्लैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के दबाव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने शांति समझौता को स्वीकार नहीं किया.