भारतीय नौसेना के एक फाइटर एयरक्राफ्ट को शुक्रवार को गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. नौसेना के मुताबिक, इस दुर्घटना में एयरपोर्ट के रनवे सेंटर लाइन की लाइट को मामूली क्षति हुई थी. हालांकि, नौसेना ने ये साफ नहीं किया कि ये कौन सा फाइटर जेट था लेकिन माना जा रहा है कि मिग-29के लड़ाकू विमान था.
भारतीय नौसेना के एक प्रवक्ता ने एक्स (ट्विवटर) पर लिखा कि “एक नियमित ऑपरेशन सॉर्टी पर एक नौसेना लड़ाकू एयरक्राफ्ट ने 17 मई, 2024 को गोवा के डाबोलिम हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की, जिससे रनवे सेंटर लाइन की रोशनी को मामूली क्षति हुई. भारतीय नौसेना ने यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की कि रनवे दो घंटे के भीतर उपलब्ध हो और सामान्य परिचालन शुरू हो जाए, जिससे नागरिक उड़ानों में व्यवधान कम हो गया.”
इस बीच खबर है कि भारतीय नौसेना अपने मिग-29के लड़ाकू विमानों की ऑपरेशनल-लाइफ को 2035 से आगे बढ़ाने के विकल्प तलाश रही है. यह कदम ट्विन इंजन डेक-आधारित लड़ाकू (टीईडीबीएफ) की खरीद में देरी के बीच उठाया जा रहा है. वर्ष 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किए गए इन रूसी विमानों ने नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
मिग-29के फाइटर जेट की स्क्वाड्रन (‘ब्लैक पैंथर’) गोवा के ‘आईएनएस हंस’ बेस पर तैनात रहती है. भारतीय नौसेना के पास फिलहाल ये एकमात्र डेक बेस्ड एयरक्राफ्ट है. मिग-29के को आईएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात किया जाता है. स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर भी फिलहाल इसी स्क्वाड्रन के फाइटर जेट तैनात किए जाते हैं. हालांकि, भारतीय नौसेना फ्रांस से रफाल फाइटर जेट के 26 मरीन वर्जन (रफाल-एम) खरीदने पर बातचीत कर रही है.
भारत ने रुस से कुल 45 मिग-29के विमान खरीदे थे, जिनमें 37 सिंगल-सीट लड़ाकू विमान और आठ ट्विन-सीट ट्रेनर एयरक्राफ्ट शामिल थे. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में दुर्घटनाओं के कारण नेवल स्क्वाड्रन का आकार छोटा हो गया है.