हमास के खिलाफ ग्राउंड ऑपरेशन के साथ साथ इजरायल यूरोपीय देशों से रणनीतिक और कूटनीतिक जंग भी लड़ रहा है. ऐसी ही कूटनीतिक जंग में इजरायल ने नार्वे, आयरलैंड और स्पेन से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है. वजह ये है कि तीनों देशों नार्वे, आयरलैंड और स्पेन ने फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता दी थी.
फिलिस्तीन को मान्यता, आतंकियों को इनाम देने जैसा: नेतन्याहू
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू फिलिस्तीन को देश के तौर पर मान्यता दिए जाने से भड़क गए हैं. नेतन्याहू ने अपने एक बयान में कहा कि “फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का कई यूरोपीय देशों का इरादा आतंकवाद के लिए इनाम देने जैसा है. वेस्ट बैंक में 80 प्रतिशत फिलिस्तीनी 7 अक्टूबर के भयानक नरसंहार का समर्थन करते हैं. ऐसे दुष्टों को कोई राज्य नहीं दिया जा सकता.” इजरायली पीएम यहीं नहीं रुके. नेतन्याहू ने कहा, “अगर ऐसे लोगों को मान्यता मिली तो 7 अक्टूबर जैसा नरसंहार बार-बार दोहराया जाएगा. आतंकवाद को इनाम देने से शांति नहीं आएगी और न ही ऐसा फैसला हमें हमास को हराने से रोकेगा.” ऐसे में इजरायली पीएम ने नार्वे, आयरलैंड और स्पेन के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताते हुए अपने राजदूतों को तत्काल वापस बुला लिया है.
पश्चिम एशिया में शांति के लिए मान्यता जरूरी: नॉर्वे के पीएम
नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनस गार स्तूर ने बुधवार को कहा कि उनका देश फिलिस्तीन को एक देश के तौर पर औपचारिक रूप से मान्यता दे रहा है. फिलिस्तीन को मान्यता देने के पीछे पीएम का तर्क है कि ‘‘अगर मान्यता नहीं दी गई तो पश्चिम एशिया में शांति स्थापित नहीं हो सकती.’’
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने भी संसद में जानकारी देते हुए कहा कि “फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता शांति, न्याय और सामंजस्य के लिए एक फैसला है.” स्पेन वही देश है जिसने हाल ही में भारत से गोला-बारूद ले जा रहे एक यूरोपीय जहाज को अपने देश के बंदरगाह पर रुकने नहीं दिया था. भारत ने ये गोला-बारूद इजरायल की मदद के लिए भेजा था. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में इजरायल-फिलिस्तीन विवाद का शांतिपूर्ण हल निकालने के लिए भारत ने भी ‘टू-स्टेट’ थ्योरी का समर्थन किया है.
आयरलैंड के पीएम साइमन हैरिस ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नार्वे और स्पेन के फैसले को एकदम सही बताया. पीएम हैरिस ने फिलिस्तीन को मान्यता देने को ‘आयरलैंड और फिलिस्तीन के एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन’ बताया. आयरिश पीएम ने कहा कि “यह मान्यता स्वतंत्रता और न्याय में विश्वास से आती है और शांति केवल स्वतंत्र लोगों की स्वतंत्र इच्छा से ही सुरक्षित हो सकती है”
अमेरिका का विरोध, इजरायली विदेश मंत्री की वॉर्निंग
इजरायल के अलावा अमेरिका ने भी तीनों देशों के फैसले को गलत बताया है. अमेरिका ने कहा है कि “द्वि-राष्ट्र समाधान की किसी भी योजना को बातचीत के माध्यम से ही आना चाहिए.”
इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज ने कहा कि “फिलिस्तीन को देश का दर्जा दिए जाने से गाजा में इजरायल के बंधकों को वापस देश में लाने के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है. इजरायल ऐसे फैसलों को चुपचाप नहीं जाने देगा.”
फिलिस्तीन को मान्यता, गिरफ्तारी वारंट पर फ्रांस को इजरायल ने मनाया !
बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ आईसीसी के वारंट पर इजरायली विदेश मंत्री एक्शन पर हैं. आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट का फ्रांस ने समर्थन किया है. लिहाजा इजरायली विदेश मंत्री काट्ज फ्रांस पहुंचे हैं. फ्रांस में इजरायली और फ्रांसीसी विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक हुई. बैठक के बाद इजरायली विदेश मंत्री ने कुछ तस्वीरें वीडियो शेयर करते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, “फ्रांसीसी विदेश मंत्री सेजॉर्न ने फ्रांस की स्थिति को स्पष्ट किया और आईसीसी द्वारा मध्य पूर्व में एकमात्र लोकतंत्र इजरायल और जानलेवा आतंकवादी संगठन हमास के बीच की गई तुलना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. इसके अलावा मैंने फिलिस्तीनी राज्य की एकतरफा मान्यता के लिए फ्रांस के विरोध के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.”