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मालदीव लेगा पंगा तो इजरायली पर्यटक आएंगे लक्षद्वीप

भारत के बाद अब मालदीव ने इजरायल से भी पंगा ले लिया है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इजरायली नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाई तो इजरायल ने दो टूक कह दिया कि हमारा अगला पड़ाव लक्षद्वीप है. भारत में इजरायली एंबेसी ने तो अपने देश के नागरिकों को लक्षद्वीप के साथ-साथ अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, गोवा और केरल जैसे समुद्री-तटों पर जाने का न्योता तक दे डाला है. 

इजरायल ने सोशल मीडिया पर भारत के पर्यटक-स्थलों के तारीफ के पुल बांध दिए हैं. ‘इजरायल वार रूम’ नाम के सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा गया है कि “लक्षद्वीप, मालदीव से ज्यादा सुंदर है.” 

मालदीव की यात्रा न करें: इजरायली विदेश मंत्रालय
इज़रायल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओरेन मार्मोरस्टीन ने इजरायली नागरिकों को मालदीव की किसी भी यात्रा से बचने की सलाह दी है, इसमें विदेशी पासपोर्ट वाले लोग भी शामिल है. इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा, “जो लोग वर्तमान में मालदीव में हैं, उन्हें भी वहां से जाने पर विचार करना चाहिए. दो देशों की नागरिकता वाले इजरायली नागरिक मालदीव की यात्रा करने से परहेज करें. अगर वे किसी परेशानी में घिरते हैं, तो ऐसे समय में हमें उनकी मदद करने में मुश्किल आ सकती है.”

‘मालदीव में इजरायली नागरिकों का आना मना है’
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया है कि इजरायली अब मालदीव ट्रैवल नहीं कर पाएंगे. मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय में एक आपातकालीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्री अल इहसुन ने इस बात की घोषणा की. अल इहसुन ने कहा कि “कैबिनेट ने इजरायली पासपोर्ट पर मालदीव में प्रवेश पर प्रतिबंध के लिए कानून में बदलाव का फैसला किया है. इसकी निगरानी के लिए मंत्रियों की एक विशेष समिति गठित की गई है.” 

दरअसल मालदीव के सांसद नशीद अब्दुल्ला ने एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में सरकार से इजरायली पासपोर्ट रखने वाले नागरिकों के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी. अब मालदीव की सरकार ने इजरायली नागरिकों के ट्रैवल पर पाबंदी लगी दी है. मालदीव के गृहमंत्री अल इहसुन ने ये भी जानकारी दी कि मुइज्जू कैबिनेट ने फिलिस्तीनियों के लिए फंड जुटाने और फिलिस्तीन के समर्थन के लिए मुस्लिम देशों के साथ चर्चा करने का भी फैसला किया है. साथ ही मालदीव, ‘फिलिस्तीन के साथ’ रैली भी आयोजित करेगा. गृह मंत्री अली इहुसन ने कहा कि हमारा लक्ष्य फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाना है.

मालदीव की राजधानी माले में लगभग एक महीने से गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा था. लोग सड़कों पर उतरे हुए थे. मालदीव के लोग इजरायली नागरिकों के देश में प्रवेश पर बैन की मांग कर रहे थे. गौरतलब है कि मालदीव में हर साल तकरीबन 11 हजार इजरायली नागरिक घूमने आते हैं.

सोशल मीडिया पर ‘बायकॉट मालदीव’ ट्रेंड किया

इजरायल के लोगों ने सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि वो मालदीव नहीं जाएंगे. कुछ यूजर्स ने समुद्री तट की तस्वीरें शेयर करके मालदीव का मजाक उड़ाया. उन्होंने लिखा कि अब मैं कभी मालदीव नहीं जाऊंगा. अरे ये तस्वीर तो इजरायल की है. एक यूजर ने बैन को लेकर लिखा कि “इजरायल को इससे नुकसान नहीं है, उसके समुद्र तट और भी खूबसूरत हैं.”

इजरायली लोग बायकॉट मालदीव के साथ भारत की चर्चा करने लगे हैं. सोशल मीडिया पर भारत के समंदर की तस्वीरें शेयर की जा रही है. एक्स पर ‘इजरायल वार रूम’ नाम के पेज से लिखा गया, “मैंने सुना है कि लक्षद्वीप मालदीव से ज्यादा सुंदर है.” इसी साल जनवरी में पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा करके यहां के समुद्र तट की तारीफ की थी, जिससे मालदीव बौखला गया था. (https://x.com/IsraelWarRoom/status/1797342308192649445)

इजरायली एंबेसी ने भी अपने एक्स पोस्ट में लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा और केरल की तस्वीरें डालकर लिखा, “जैसा कि मालदीव ने अब इजरायलियों के आने पर बैन लगा दिया हैं, नीचे दिए (लक्षद्वीप इत्यादि) यह कुछ खूबसूरत और अद्भुत भारतीय समुद्र तट हैं जहाँ इजरायली पर्यटकों का हार्दिक स्वागत होता हैं और बेहद आदर-सत्कार किया जाता हैं.” (https://x.com/IsraelinIndia/status/1797517799767584825)

भारत को लेकर मुइज्जू सरकार पड़ी नरम
मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन ने भारत को पारंपरिक साझेदार बताया है. सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज की तरफ से आयोजित शांगरी-ला डायलॉग में बोलते हुए मोहम्मद घासन ने दोस्ती के संकेत दिए. मालदीव के रक्षा मंत्री ने कहा, “नवंबर 2023 से सरकार में आने के बाद हमने अपने पारंपरिक दोस्त भारत और अमेरिका के साथ संवाद को लगातार जारी रखा है. इसी साल मालदीव ने भारत और श्रीलंका के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास भी पूरा किया. इसके अलावा अभी चार दिन पहले ही हमने अमेरिका के साथ एक अभ्यास खत्म किया है.”  मोहम्मद घासन के संबोधन में इस बात की हैरानी हुई कि उन्होंने चीन का नाम नहीं लिया. जबकि पूरी दुनिया जानती है मालदीव अब चीन के इशारों पर नाचता है.

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