भारत में एक बार फिर से मोदी सरकार आने से चीन के मंसूबों पर पानी फिर गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई ना देने पर घिरने के बाद अब संबंधों की दुहाई देने हुए चीन ने बधाई संदेश भेजा है.
चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरे कार्यकाल के लिए एक मीडिया ब्रीफिंग में फिर से चुने जाने पर बधाई दी है. चीनी पीएम ली कियांग ने कहा है कि “बीजिंग द्विपक्षीय संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए नयी दिल्ली के साथ काम करने का इच्छुक है.” चीन की ओर से ये बयान तब आया है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोबारा कार्यभार संभालने के बाद “चीन के साथ संबंध सुधारने” की बात कही थी.
चीन के बधाई संदेश में ‘गलवान’ का जिक्र
चीनी पीएम ली कियांग ने एक संदेश में कहा कि “चीन-भारत संबंधों का सुदृढ़ और स्थिर विकास न केवल दोनों देशों के लोगों के हित में है बल्कि यह क्षेत्र और दुनिया में स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा के संचार में भी मददगार है. भारत में चीन के दूतावास की ओर से जारी एक संदेश में कहा गया है कि “चीन और भारत महत्वपूर्ण पड़ोसी देश हैं. ऐसे में बॉर्डर विवाद समेत सभी मुद्दों को ठीक से संभाला जाना चाहिए. भारत चीन के मजबूत और स्थिर संबंध सिर्फ दोनों देशों के ही नहीं पूरे क्षेत्र में शांति और विकास के लिए जरूरी हैं. चीन पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते चाहता है और द्विपक्षीय संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ काम करने को इच्छुक है.”
इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने भी 5 जून को प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते हुए कहा था-“चार साल पहले गलवान की घटना के बाद से रुके हुए द्विपक्षीय संबंधों को स्वस्थ और स्थिर ट्रैक पर आगे बढ़ाने के लिए भविष्य की तरफ देखना चाहिए.” चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “हमने भारत के आम चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के के नेतृत्व वाली बीजेपी और एनडीए को जीत पर बधाई दी.” हालांकि चीन ने प्रधानमंत्री मोदी की ताइवान के साथ “घनिष्ठ संबंध” बनाने वाले बयान का विरोध किया है. ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने पीएम मोदी को बधाई दी थई और जवाब में पीएम मोदी ने ‘ताइवान के साथ घनिष्ठ संबंध’ की बात कही थी.
एस जयशंकर ने की मुद्दों के समाधान की मांग
मंगलवार को विदेश मंत्रालय संभालते वक्त विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ संबंधों पर जोर दिया था. एस जयशंकर ने कहा था- “चीन के संबंध में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा. हम विवादों को सुलझाने पर काम करेंगे”.इससे पहले पीएम मोदी ने भी अपने दूसरे कार्यकाल में एक इंटरव्यू में चीन के साथ संबंध मजबूत करने की पैरवी की थी. जिसका चीन ने खुलकर स्वागत किया था.