By Akansha Singhal
अलास्का से ‘रेड फ्लैग’ एक्सरसाइज में हिस्सा लेकर लौट रहे भारतीय वायुसेना के रफाल फाइटर जेट इन दिनों मिस्र के साथ साझा युद्धाभ्यास कर रहे हैं. होपेक्स नाम की इस ़एक्सरसाइज में वायुसेना के रफाल फाइटर जेट समेट सी-17 ग्लोबमास्टर और आईएल-78 टैंकर भी हिस्सा ले रहे हैं (21-26 जून).
रविवार को काहिरा में भारतीय राजदूत अजीत वी गुप्ते ने मिस्र के बेरीघाट एयरबेस पहुंचकर होपेक्स एक्सरसाइज में हिस्सा ले रहे भारतीय वायुसेना के दल से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद मिस्र स्थित दूतावास ने एक्स अकाउंट पर जानकारी देते हुए लिखा कि “भारत-मिस्र रक्षा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है. 21 से 26 जून तक मिस्र में आईएएफ (इंडियन एयर फोर्स) और ईएएफ (इजिप्शियन एयरफोर्स) का चौथा संयुक्त अभ्यास होगा.” इस अभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है, जो दोनों देशों के लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का प्रतीक है.
हाल के सालों में भारत और मिस्र के संबंधों में काफी मजबूती आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे बार देश की कमान संभालने के बाद मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने चुनाव जीतने पर बधाई दी थी.
भारत और मिस्र के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत 18 अगस्त 1947 को राजदूत स्तर पर हुई थी. दोनों देशों ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्य के रूप में बहुपक्षीय मंचों पर घनिष्ठ सहयोग किया है. वर्ष 2022 में, भारत और मिस्र ने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई, जो संबंधों की गहराई को दर्शाता है.
इससे पहले, भारतीय वायुसेना के रफाल फाइटर जेट और एयर-क्रू अमेरिकी मल्टीनेशनल एक्सरसाइज ‘रेड फ्लैग 24’ में हिस्सा लेने के लिए अलास्का गए थे. यह एक्सरसाइज 30 मई से 14 जून तक 77 हजार वर्ग मील के क्षेत्र में आयोजित की गई थी. इसमें भारतीय वायुसेना के आठ रफाल लड़ाकू विमान, एक सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और एक आईएल-78 एयर-रिफ्यूलर ने हिस्सा लिया था.
रेड फ्लैग का उद्देश्य वायुसैनिकों को मल्टीनेशनल वातावरण में इंटीग्रेट करना और इंटरऑपरेबिलिटी को सुधारना था. इसमें कुल चार देशों की वायुसेनाओं के 100 एयरक्राफ्ट और 3100 वायुसैनिक शामिल हुए थे.