By Akansha Singhal
फ्रांस के थेल्स ग्रुप ने अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के साथ मिलकर भारत में 70 मिमी रॉकेट बनाने के लिए करार किया है. यह रणनीतिक साझेदारी एएलएच ‘रुद्र’ और एलसीएच ‘प्रचंड’ हेलीकॉप्टर के लिए स्थानीय रूप से निर्मित रॉकेटों के साथ भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने का उद्देश्य रखती है. इस कदम का उद्देश्य देश के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है.
स्थानीय उत्पादन और आत्मनिर्भरता
भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” पहल के तहत, इस समझौते का उद्देश्य रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाना है. थेल्स ग्रुप ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “यह साझेदारी न केवल भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है, बल्कि हमें विश्व भर में अपने साझेदार नेटवर्क को भी मजबूत करने की अनुमति देती है.” थेल्स ने अडानी कंपनी को इस सहयोग के लिए बधाई दी और कहा कि साथ मिलकर वे भारत के रक्षा क्षेत्र के आगे के विकास और सफलता में योगदान देना चाहते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और प्रौद्योगिकी
थेल्स ग्रुप अपनी नवीनतम तकनीक और विशेषज्ञता के साथ इस साझेदारी में शामिल है, जबकि अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस स्थानीय बुनियादी ढांचे और विनिर्माण में अग्रणी है. हाल ही में, अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने यूएई के एज ग्रुप के साथ भी एक ऐतिहासिक समझौता किया है, जिसका उद्देश्य रक्षा और एयरोस्पेस क्षमताओं के लिए एक विश्वव्यापी मंच बनाना है.
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस सहयोग से भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में कई रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त, यह आर्थिक वृद्धि में भी योगदान देगी. थेल्स ग्रुप ने कहा, “हम इस साझेदारी के लिए अडानी समूह को बधाई देते हैं और भारत की रक्षा क्षेत्र की वृद्धि और सफलता में भाग लेना चाहते हैं.” यह सहयोग न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा बल्कि देश की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास को बल मिलेगा (https://x.com/neeraj_rajput/status/1174914589026242560).