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ईरान में बड़ा उलटफेर, उदारवादी पेज़ेशकियान की जीत

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन के बाद बड़ा ईरान में बड़ा उलटफेर हो गया है. आम चुनाव में कट्टरपंथी सईद जलीली को सुधारवादी नेता मसूद पेज़ेशकियान ने मात दे दी है. 

ईरान में चुनाव के नतीजे आ चुके हैं जिसमें रिफॉर्मिस्ट (सुधारवादी) मसूद पेजेशकियान ने राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है. पेशे से हार्ट सर्जन और लंबे समय से ईरान में सांसद मसूद पेजेशकियान एक करोड़ 63 लाख मतों के साथ जीते हैं, जबकि सईद जलीली को एक करोड़ 35 लाख वोट मिले. ईरान में सुधारवादी नेता के राष्ट्रपति बनने से जश्न का माहौल है. पेजेशकियान के समर्थक राजधानी तेहरान समेत दूसरे शहरों में सड़कों पर उतरकर आतिशबाजी और नारेबाजी करके जश्न मना रहे हैं.

पश्चिमी देशों के हिमायती हैं ईरान के नए राष्ट्रपति
दशकों से अमेरिकी समते पश्चिमी देशों के साथ ईरान में टकराव जैसी स्थिति है. चुनाव के दौरान मसूद पेजेशकियान ने ईरान को पश्चिमी देशों से जोड़ने का वादा किया था. 

दरअसल ईरान के अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर भी पश्चिम के साथ विवाद है. जिसके बाद ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे ईरान की  अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है. मसूद पेजेशकियन का झुकाव पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी की ओर है, जिनके शासन के तहत तेहरान ने विश्व शक्तियों के साथ 2015 का ऐतिहासिक परमाणु समझौता किया था. हालांकि, यह परमाणु समझौता रद्द हो गया था और कट्टरपंथी नेता दोबारा ईरान की सत्ता में आ गए थे.

महसा अमीनी की मौत के बाद सुर्खियों में आए थे पेजेशकियान
ईरान बेहद ही कट्टर मुस्लिम देश है. साल 2022 में महसा अमीनी नाम की लड़की को ठीक से बुर्का ना पहनने के आरोप में ईरानी सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया था. बाद में महसा अमीनी कभी वापस नहीं लौटी. महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में उग्र प्रदर्शन हुए थे. उसके बाद हुए प्रदर्शनों में शामिल नीका नाम की लड़की का भी शव मुर्दाघर में मिला था. 

ईरान में हिजाब के खिलाफ हुए प्रदर्शन में 500 से ज्यादा लोगों को मौत हो गई थी. प्रदर्शन इतने ज्यादा थे कि इसे महिला स्वतंत्रता क्रांति तक का नाम दिया गया था. 2022 में जब महसा अमिनी की मौत हुई थी, ईरानी सांसद मसूद पेजेश्कियान ने लिखा कि “इस्लामिक गणराज्य में किसी लड़की को उसके हिजाब के लिए गिरफ़्तार करना और फिर उसके शव को उसके परिवार को सौंपना अस्वीकार्य है.” 

नए राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने ईरान में महिलाओं के लिए कड़े ड्रेस कोड लागू करने वाली मोरैलिटी पुलिस की कार्रवाई को ‘अनैतिक’ बताया था. तब पेजेश्कियान ने कहा था, “अगर किसी खास तरीके़ से या कोई कपड़ा पहनना अपराध है तो महिलाओं और लड़कियों के लिए ऐसे बर्ताव करना 100 गुना अधिक बड़ा अपराध है. धर्म में ऐसी कोई भी बात नहीं की गई है किसी को उसके कपड़े के लिए सजा दी जाए.” 

आयतुल्ला खामेनेई हैं मसूद पेजेशकियन की राह में रोड़ा!

ईरान का सुप्रीम लीडर ही राष्ट्र प्रमुख होता है और ‘कमांडर इन चीफ’ भी होता है. ईरान में सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई हैं. ईरान में सुप्रीम लीडर का आदेश पत्थर की लकीर माना जाता है. अयातुल्ला अली खामेनेई को पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का करीबी माना जाता है. 

रईसी के हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद ईरान में पहले चुनाव करवाया गया. पर अब ईरान के लोगों ने सुधारवादी नेता मसूद पेजेशकियान को राष्ट्रपति बनाया है. 

आयतुल्ला खामेनेई बेहद ही कट्टर माने जाते हैं, वहीं पेजेशकियान अनिवार्य बुर्का विरोधी, परमाणु समझौते की वापसी और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों में सुधार की पैरवी करने वाले नेता है. 

सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई अमेरिका के कट्टर विरोधी हैं. नए राष्ट्रपति को सुप्रीम लीडर के साथ इजरायल-हमास जंग, मिडिल ईस्ट के तनाव और लेबनान से लेकर यमन तक में उसके हिज्बुल्लाह-हूती जैसे मिलिशिया समूहों के सामने टकराव जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि अयातुल्ला अली खामेनेई की विदेश नीति अमेरिका के खिलाफ है. ऐसे में माना जा रहा है कि भले ही राष्ट्रपति के पद पर पेजेशकियन पहुंच गए हों, पर ईरान में होगा वही जो अयातुल्ला खामेनेई चाहेंगे.

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