कारगिल विजय दिवस के रजत जयंती समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्निपथ योजना पर खड़े किए जा रहे विवाद को लेकर कांग्रेस और संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जमकर लताड़ लगाई. द्रास स्थित कारगिल वार मेमोरियल से पीएम मोदी ने साफ तौर से कहा कि “राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीतिक विषय बनाए जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.”
कारगिल युद्ध में मिली विजय के 25 साल पूरे होने के मौके पर पीएम मोदी खुद द्रास स्थित युद्ध स्मारक पहुंचे और वीरगति को प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान युद्ध स्मारक पर मौजूद सैनिक और 1999 की जंग में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों के परिवारजनों को पीएम ने संबोधित किया.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि सेना द्वारा किए गए ‘जरूरी सुधारों’ का एक उदाहरण अग्निपथ स्कीम भी है. पीएम ने कहा कि दशकों से, संसद से लेकर अनेक कमेटियों तक में सेनाओं को युवा बनाने पर चर्चाएं होती रही है. लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सैनिकों की औसत आयु, ‘ग्लोबल एवरेज’ से ज्यादा होना, ये चिंता बढ़ा रहा है. इसलिए ये विषय बरसों तक अनेक कमेटियों में भी उठा. देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती के समाधान की पहले इच्छाशक्ति नहीं दिखाई गई. पीएम ने कहा कि अग्निपथ योजना के जरिए देश ने इस चिंता को ‘एड्रेस’ किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि “अग्निपथ योजना का लक्ष्य सेना को युवा बनाना है, अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाकर रखना है.”
कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए पीएम ने कहा कि पहली की सरकार, “सैनिकों को नेताओं को सेल्यूट करने और परेड कराने तक सीमित रखती थी. लेकिन अग्निपथ योजना का उद्देश्य 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी है और देश की सीमाओं की सुरक्षा करना है.”
पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को राजनीति का विषय बनाना ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ है. पीएम ने कहा कि “कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं. ये वही लोग हैं जिन्होंने सेनाओं में हजारों करोड़ के घोटाले करके हमारी सेनाओं को कमजोर किया. ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट ना मिल पाएं. ये वही लोग हैं जिन्होंने तेजस फाइटर प्लेन को भी डिब्बे में बंद करने की तैयारी कर ली थी.”
प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं की अनदेखी करने के लिए केंद्र की पिछली सरकारों की आलोचना की. राहुल गांधी का नाम बिना लिए पीएम ने “मुझे ऐसी सोच पर हैरानी है जो कहते हैं कि अग्निपथ योजना पेंशन में कटौती के लिए लाई गई है.”
दरअसल, हाल के आम चुनाव में राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को एक अहम मुद्दा बनाया था. उस दौरान सरकार की तरफ से स्कीम को लेकर ज्यादा सफाई नहीं दी गई थी. चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कम सीट मिलने का एक बड़ा कारण अग्निवीर योजना मानी जा रही है. ऐसे में पीएम मोदी ने खुद पहली बार कारगिल की धरती से सैनिकों के बीच अग्निपथ से जुड़ी सभी भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की.
दरअसल, भारतीय सेना में एक जवान की औसतन आयु 32 साल है. जबकि दुनियाभर में एक सैनिक की एवरेज आयु 26 साल है. ऐसे में जून 2022 में लाई गई अग्निपथ स्कीम (अग्निवीर) के जरिए सेना और सरकार भी इस औसत आयु को 26 साल लाने की कोशिश कर रही है.
कारगिल युद्ध की समीक्षा के लिए बनी रिव्यू कमेटी (2000), रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति (2006) और शेकतकर कमेटी (2017) ने भी सैनिकों की आयु कम करने पर जोर दिया है. यहां तक की 1989 में बनी अरुण सिंह कमेटी भी सैनिकों की उम्र कम करने की सिफारिश कर चुकी है. कारगिल रिव्यू कमेटी ने एक युवा और फिट (तंदुरुस्त) आर्मी पर जोर दिया था.
रिपोर्ट्स की मानें तो अब तक भारतीय सेना में एक लाख अग्निवीरों की भर्ती हो चुकी है. इनमें से 70 हजार सेना की अलग रेजिमेंट में शामिल होकर देश की सेवा और रक्षा में शामिल हो चुके हैं. बाकी 30 हजार की ट्रेनिंग चल रही है. अग्निपथ योजना के तहत 75 प्रतिशत अग्निवीर चार साल की सेवा के बाद रिटायर हो जाएंगे. मात्र 25 प्रतिशत ही आगे सेना में पूर्णकालिक सैनिक बन पाने के योग्य होंगे. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1816719492535464187)
यही वजह है कि शुक्रवार को पीएम मोदी ने विपक्षी पार्टियों को देश के ‘युवाओं को गुमराह न करने’ का आह्वान किया. मोदी ने कहा कि सेना में सुधार के लिए वे “दल (पार्टी) नहीं देश को सर्वोपरि रखते हैं.”