विपक्षी पार्टियों और कुछ वेटरन्स के आरोपों से इतर, भारतीय सेना के अग्निवीर मिलिट्री-टेक्नोलॉजी को प्रभावी ढंग से अपनी सैन्य जीवन का हिस्सा बनाने में जुटे हैं. टीएफए को मिली एक्सक्लुजिव जानकारी के मुताबिक, अग्निवीरों ने सेना के प्रशिक्षण केंद्रों से शुरू होने वाली भर्ती के पिछले तरीके की तुलना में बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन किया है. पहले प्रयास में ही अकादमिक रूप से उत्तीर्ण अग्निवीरों का प्रतिशत पहले के (रैगलुर) सैनिकों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है.
जानकारी के मुताबिक, ये इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत शामिल हुए अग्निवीरों में से 15 प्रतिशत ग्रेजुएट हैं और पांच (05) प्रतिशत आईटीआई या फिर दूसरा डिप्लोमा धारक है. 110 अग्निवीर तो बीटेक और पोस्टग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी कर सेना में शामिल हुए है.
हाल ही में भारतीय सेना के एडजुटेंट-जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल सी बी पोन्नपा ने बताया था कि जून 2022 में शुरु हुई अग्निपथ स्कीम के तहत अब तक सेना में करीब एक लाख अग्निवीरों की भर्ती हो चुकी है. इनमें से 70 हजार अग्निवीर चीन और पाकिस्तान बॉर्डर के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात हो चुके हैं. 200 महिला अग्निवीर भी कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी) का हिस्सा हैं. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1816719492535464187)
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीएफए को बताया कि भले ही कुछ पूर्व फौजी, अग्निपथ योजना से सेना की ऑपरेशन्ल तैयारियों और जोश पर सवाल खड़े कर रहे हैं लेकिन हकीकत ये है कि अपनी यूनिट (बटालियन) और फॉर्मेशन्स में अग्निवीर अपने कर्तव्यों का निर्वहन, दृढ़ता और बेहद लगन के साथ कर रहे हैं.
सैन्य अधिकारी के मुताबिक, मिलिट्री-टेक्नोलॉजी की दक्षता में अग्निवीर, सामान्य (पुराने) सैनिकों से भी एक कदम आगे दिखाई पड़ रहे हैं. इसका कारण ये है कि अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की रिक्रूटमेंट, एक ऑनलाइन कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (सीईई) के तहत की गई थी. इस ऑनलाइन परीक्षा को पास करने के बाद ही अग्निवीर भर्ती के दूसरे चरण के लिए योग्य माने गए थे.
भारतीय सेना के मुताबिक, अग्निवीरों को पिछले रिक्रूटमेंट से भर्ती हुई सैनिकों के ट्रेनिंग पाठ्यक्रम को ज्यादा वैज्ञानिक तरीके से क्वालिटी प्रशिक्षण पर जोर दिया जा रहा है. इसका नतीजा ये हुआ है कि अग्निपथ स्कीम से सेना की तकनीकी क्षमताओं में खासी वृद्धि देखने को मिली है.
सैन्य अधिकारी के मुताबिक, बीटेक, आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट), डिप्लोमा और ग्रेजुएट जैसे क्वालीफाइड टेक्नो-अग्निवीर मॉडर्न वारफेयर के अनुरूप हैं. ऐसे में उन्नत तकनीकी कौशल से लैस ये भर्तियां, सेना में वर्तमान में चल रही भविष्य की तकनीकी पहलों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
पिछले कुछ सालों से आत्मनिर्भरता और सैन्य आधुनिकीकरण के चलते नीश-टेक्नोलॉजी को सेना में शामिल किया जा रहा है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि सैनिकों (अग्निवीरों) को कटिंग एज टेक्नोलॉजी और न्यू जेनरेशन सैन्य उपकरणों से लैस किया जाए. इसके लिए ऐसे सैनिकों की सख्त जरूरत है जो तकनीकी रुप से दक्ष हैं.
टेक-सेवी होने के चलते अग्निवीरों को शैक्षिक, मानसिक और शारीरिक तौर से मजबूत करने के साथ ही अग्निपथ स्कीम, सेना में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को तेजी लाने में मददगार साबित हो रही है.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अग्निपथ योजना को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताया था और विपक्षी पार्टियों की जमकर लताड़ लगाई थी. पीएम मोदी ने अग्निवीरों के जरिए सेना को युवा और युद्ध के लिए निरंतर तैयार रहने का दावा किया था. (राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है अग्निवीर योजना: पीएम मोदी)