बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट में झटका मिलने के बाद चीन अब इटली से ऐतिहासिक सिल्क रूट का हवाला देते हुए संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहा है. बीजिंग की यात्रा पर गई इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात के दौरान सिल्क रूट की याद दिलाई.
इटली के पीएम पद पर काबिज होने के बाद पहली बार जॉर्जिया मेलोनी चीन पहुंची हैं. जॉर्जिया मेलोनी का पांच दिवसीय दौरा चीन के साथ रिश्ते सुधारने की पहल की तरह से देखा जा रहा है. रविवार को मेलोनी ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की थी तो सोमवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की.
दरअसल चीन के साथ बीआरआई (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) समझौते से हाथ खींचने के बाद चीन और इटली के संबंध पटरी से उतर गए थे. एक बार फिर से मेलोनी ने हालांकि, चीन से संबंध सुधारने के लिए कदम बढ़ाया है. मेलोनी ने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ बैठक के बाद चीन के साथ तीन साल के एक्शन प्लान पर हस्ताक्षर किए हैं. चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ बैठक में मेलोनी ने कहा कि हमें बहुत काम करना है और मुझे विश्वास है कि ये काम न सिर्फ वैश्विक स्तर पर बल्कि बहुपक्षीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण होगा.
शी से हुई यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास विवाद पर चर्चा
इटली के पास इनदिनों जी-7 समूह की अध्यक्षता है. ऐसे में मेलोनी ने शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान यूक्रेन युद्ध समाप्त करने में चीन की भूमिका और इजरायल-हमास जंग पर भी खास बात की. रुस से चीन की नजदीकियां दुनिया से छिपी नहीं है. हाल ही में चीन ने आतंकी संगठन हमास और फिलिस्तीन के एक दर्जन से ज्यादा गुटों को एक मंच पर लाकर अहम समझौता कराया है. ऐसे में चीन ने मिडिल-ईस्ट में एक बड़ी एंट्री की है.
बैठक में चीन और इटली के बीच आपसी गलतफहमियों को दूर कर आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया.
चीन के साथ नजदीकी बढ़ा रहीं मेलोनी
इटली चीन की बेल्ट एवं रोड परियोजना (बीआरआई) से साल 2019 में जुड़ा था. इस परियोजना से जुड़ने के बाद अमेरिका और पश्चिमी देशों ने इटली की आलोचना की थी और कहा था कि चीन बीआरआई परियोजना से जोड़कर इटली को कर्ज के जाल में फंसाना चाहता है. इटली में भी खूब विरोध हुआ था. सत्ता में आने के बाद जॉर्जिया मेलोनी ने दिसंबर 2023 में बीआरआई से अलग होने का फैसला किया था. मेलोनी के इस कदम से चीन ने नाराजगी भी जाहिर की थी.
एक बार फिर मेलोनी ने चीन के साथ एक अहम समझौता किया है. मेलोनी ने बताया कि “चीन और इटली के बीच जिस को-ऑपरेशन मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर हुए हैं, उसमें इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और रिन्यूएबल जैसे इंडस्ट्रियल सेक्टर शामिल हैं.” साफ है कि इटली, चीन के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है.
मेलोनी चीनी-इटली बिजनेस फोरम में भी शामिल हुई. इस फोरम में टायर कंपनी, एनर्जी ग्रुप, डिफेंस ग्रुप, वाइन प्रोड्यूसर्स जैसी कई इटली की कंपनियों को भी आमंत्रित किया गया था. चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग का कहना है कि “इटली और चीन को आपस में व्यापार और निवेश बढ़ाना चाहिए, जिससे उनके रिश्ते मजबूत हो.”
चीनी मीडिया में छाई मेलोनी
चीन के सरकार मीडिया ने मेलोनी की बीजिंग यात्रा को प्रमुखता से छापा है. चीनी मीडिया ने लिखा कि “मेलोनी चीन के साथ तनाव कम करने के उद्देश्य से चीन पहुंची हैं. मेलोनी इस यात्रा के जरिए इटली के व्यापारियों के लिए चीनी बाजार खोलना चाहती हैं और इटली में चीनी निवेश ले जाना चाहती हैं. लेकिन मेलोनी को अब चीन का यकीन जीतने के लिए और मेहनत करनी होगी.”
एक चीनी अखबार ने लिखा है कि “यूरोपीय यूनियन में इटली का प्रभाव बहुत बढ़ा है, मेलोनी की ये यात्रा चीन के साथ यूरोपीय यूनियन के संबंधों के लिए भी अहम साबित हो सकती है.”