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पहली मल्टीनेशनल एयर एक्सरसाइज तरंगशक्ति अगले महीने से

अगले महीने भारत में तरंगशक्ति नाम की मल्टीनेशन एयर एक्सरसाइज का आयोजन होने जा रहा है. देश के सैन्य इतिहास में पहली बार कोई मल्टीनेशन एक्सरसाइज होने जा रही है. वायुसेना की तत्वाधान में होने जा रही तरंगशक्ति एक्सरसाइज सुलूर और जोधपुर एयरबेस पर अगले महीने से आयोजित की जाएगी. इस युद्धाभ्यास में अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया समेत कुल 31 देशों की वायुसेना हिस्सा लेने जा रही हैं.

वायुसेना के मुताबिक, तरंगशक्ति युद्धाभ्यास को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा. पहला चरण सुलूर एयरबेस (तमिलनाडु) में 6 अगस्त से 14 अगस्त तक आयोजित की जाएगी. जबकि दूसरा फेज जोधपुर में 29 अगस्त से 14 सितंबर तक आयोजित की जाएगी.

बुधवार को भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल एपी सिंह ने तरंगशक्ति एक्सरसाइज की कर्टन रेजर एक्सरसाइज को संबोधित किया. एयर मार्शल सिंह के मुताबिक, तरंगशक्ति में भारत समेत करीब एक दर्जन देशों की वायुसेनाओं के फाइटर जेट और मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे. इन देशों में अमेरिका, ग्रीस और यूएई के एफ-16, फ्रांस के रफाल, इंग्लैंड, जर्मनी और स्पेन के यूरोफाइटर टाइफून और ऑस्ट्रेलिया के एफ-18 लड़ाकू विमान शिरकत करेंगे.

भारतीय वायुसेना के रफाल, सुखोई, एलसीए तेजस, मिग 29, मिराज 2000 और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. इसके अलावा भारत के एलसीएच प्रचंड और एएलएच मार्क-4 हेलीकॉप्टर भी युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे. साथ ही अवॉक्स टोही विमान और सी-130 ट्रांसपोर्ट विमान भी तरंगशक्ति भी दिखाई पड़ेंगे.

स्वदेशी का दम

वाइस चीफ के मुताबिक, तरंगशक्ति एक्सरसाइज का उद्देश्य दुनिया को एलसीए तेजस और प्रचंड जैसे स्वदेशी एयर प्लेटफॉर्म से रूबरू कराना है. साथ ही 2047 तक विकसित भारत के सपने के तहत दुनिया को एक मजबूत वायुसेना के तौर पर प्रदर्शित करना है.

खास बात ये है कि सुलूर एयरबेस पर भारतीय वायुसेना के एलसीए तेजस फाइटर जेट की स्क्वाड्रन  तैनात रहती है.

इसके अलावा दोनों ही एयरबेस पर डीआरडीओ, ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी), एचएएल, डिफेंस पीएसयू और प्राईवेट कंपनियां स्वदेशी हथियारों और सैन्य उपकरणों की प्रदर्शनी भी आयोजित करेंगी.

51 देशों को दिया निमंत्रण

वायुसेना के मुताबिक, कुल 51 मित्र-देशों की वायुसेनाओं को तरंगशक्ति में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रण भेजा गया था. इनमें से 31 देशों की वायुसेनाएं भारत में बहुराष्ट्रीय एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं.

एक दर्जन देशों के फाइटर जेट और दूसरे एयरक्राफ्ट के अलावा 20 से ज्यादा देशों की वायु-सेनाओं के प्रतिनिधिमंडल और ऑब्जर्वर तरंगशक्ति में हिस्सा ले रहे हैं. एक्सरसाइज में फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, अर्जेंटीना, आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश और जापान सहित एक दर्जन देशों के वायुसेनाध्यक्ष और सीडीएस हिस्सा लेंगे.

फ्लाइंग एक्सरसाइज

तरंगशक्ति युद्धाभ्यास के दौरान विदिन विजयुल रेंज (डब्लूवीआर) कॉम्बेट मिशन, बीवीआर (बियोंड विजयुल रेंज) मिशन, लार्ज फोर्स इंगेजमेंट, एयर मोबिलिटी ऑपरेशन्स, डायनेमिक टारगेटिंग, एयर टू एयर रिफ्यूलिंग मिशन, कॉम्बेट सर्च एंड रेस्क्यू, हाई वैल्यू एरियल एसेट प्रोटेक्शन एंड बस्टिंग और मिक्सड फोर्मेशन एयर टू एयर रिफ्यूलिंग मिशन शामिल हैं.

रूस और इजरायल ने नहीं लिया हिस्सा

वायुसेना के मुताबिक, रूस को तरंगशक्ति में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन यूक्रेन युद्ध के चलते हिस्सा नहीं लिया. इजरायल ने भी हमास के खिलाफ जंग के चलते युद्धाभ्यास में हिस्सा नहीं लिया है.

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