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डिप्लोमेसी के जरिए LAC विवाद सुलझाने पर जोर

मिलिट्री कमांडर्स के बीच 20 दौर की बैठकों के बावजूद एलएसी विवाद न सुलझने के बाद अब भारत और चीन ने एक बार फिर से राजनयिक रास्ता पकड़ लिया है. बुधवार को दोनों देशों के राजनयिक-प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी दिल्ली में बैठक कर सीमा विवाद सुलझाने पर गहन चर्चा की. ये बैठक दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की पिछले एक महीने में दो बार मुलाकात के बाद सामने आई है.

भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि 31 जुलाई (बुधवार को) 31 वीं वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंस्लटेशन एंड कोआर्डिनेशन ऑन इंडिया-चायना बॉर्डर अफेयर्स (डब्लूएमसीसी) की बैठक हुई. भारत की तरफ से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ज्वाइंट सेक्रेटरी (ईस्ट) गोरंगलाल दास ने किया. जबकि चीन की तरफ से बाउंड्री एंड ओसियानिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल होंग लियांग ने नेतृत्व किया.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देश द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और आपसी समझ के तहत सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए तैयार हो गए हैं.

पिछले एक महीने में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष वांग यी से दो बार मुलाकात की है. पहले कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में एससीओ सम्मेलन (3-4 जुलाई) के दौरान मुलाकात हुई और फिर लाओस की राजधानी वियंतेन में. इन मीटिंग में चीनी विदेश मंत्री वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पुराने विवादों को सुलझाने के लिए भी तैयार हो गया है. ऐसे में बुधवार की डब्लूएमसीसी की मीटिंग अहम हो जाती है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, बैठक का मुद्दा दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाना भी था. क्योंकि वर्ष 2020 में गलवान घाटी की झड़प के बाद से भारत और चीन के संबंधों में दरार आ चुकी है.

गलवान घाटी की हिंसा के बाद दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर स्तर की 21 दौर की बैठक हो चुकी थी लेकिन विवाद पूरी तरह खत्म नहीं हो पा रहा था. ऐसे में दोनों देशों ने एक बार फिर से राजनयिक स्तर पर वार्ता शुरु करने का फैसला किया. हालांकि, मिलिट्री कमांडर स्तर की बैठक में भी दोनों देशों के राजनयिक मौजूद रहते थे. डब्लूएमसीसी में मीटिंग की कमान दोनों देशों के राजनयिकों के हाथ में होती है. डब्लूएमसीसी में भी सैन्य प्रतिनिधि मौजूद थे.

हालांकि, विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दोनों देश डिप्लोमेटिक और मिलिट्री चैनल, दोनों तरह से ही संबंधों को सामान्य बनाने पर जोर देते रहेंगे. चीनी प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी दिल्ली में विदेश सचिव विक्रम मिसरी से भी मुलाकात की.

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