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सेंट मार्टिन आइलैंड के पीछे क्यों पड़ा है अमेरिका

भारत में शरण लिए बांग्लादेश की पूर्व  प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सेंट मार्टिन नाम के जिस आइलैंड के बारे में खुलासा किया है, वो सामरिक तौर से बेहद महत्वपूर्ण है. अमेरिका इस द्वीप के जरिए बंगाल की खाड़ी में चीन पर निगरानी रखना चाहता है. शेख हसीना के मुताबिक, बांग्लादेश के इस आइलैंड को अमेरिका को न देना उनके लिए भारी पड़ गया और सत्ता से हाथ धोना पड़ा. 

बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थिति सेंट मार्टिन द्वीप को लेकर कई बार विवाद हो चुका है. 60 के दशक में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जनरल अयूब खान ने भारत का मुकाबला करने के लिए सैन्य अड्डा बनाने के लिए इस द्वीप को अमेरिका पर पट्टे पर दे दिया था. हालांकि, 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद यह विवाद खत्म हो गया था. साल 1980 में फिर विवाद के बाद तत्कालीन सरकार ने कहा था कि “सेंट मार्टिन में किसी को भी सैन्य अड्डा बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.” 

साल 2023 में शेख हसीना ने खुद ही प्रमुख विपक्षी पार्टी बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) पर आरोप लगाते हुए कहा था कि “बीएनपी देश को बेचकर या सेंट मार्टिन द्वीप को बेचकर सत्ता में आना चाहती है.” मामला बढ़ने पर अमेरिका को भी सफाई देनी पड़ी.

इस साल मई के महीने में फिर से शेख हसीना ने एक इंटरव्यू में व्हाइट मैन और सैन्य अड्डे को लेकर बयान देकर सनसनी मचा दी थी. हालांकि शेख हसीना ने व्हाइट मैन के नाम का खुलासा नहीं किया था. लेकिन अब शेख हसीना ने साफ तौर पर खुलासा कर दिया है कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे अमेरिका ही था. 

करीब एक सप्ताह से भारत में रह रहीं शेख हसीना ने आरोप लगाया है कि “अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप नहीं सौंपने के कारण उन्हें सत्ता से बेदखल होना पड़ा. अमेरिका चाहता था कि सेंट मार्टिन द्वीप के जरिए बंगाल की खाड़ी में अपना दबदबा बना सके. लेकिन मैं अमेरिका के सामने नहीं झुकी.

शेख हसीना ने कहा, “मैं सत्ता में बनी रह सकती थी अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता अमेरिका को सौंप दी होती. सेंट मार्टिन द्वीप के जरिए अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता था पर सेंट मार्टिन द्वीप न देने के कारण ही मुझे सत्ता छोड़नी पड़ी.”

बांग्लादेश में तख्तापलट से पहले मई के महीने में शेख हसीना ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि “एक गोरा विदेशी शख्स (व्हाइट-मैन) उनके पास एक प्रपोजल लेकर आया था. कि अगर मैं उस देश को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने की अनुमति देती, तो मुझे चुनाव में कोई समस्या नहीं होती. लेकिन वे एक देश बनाना चाहते हैं, उनकी सोच कहीं आगे की है. मैं जानती हूं कि वे कहां जाने का इरादा रखते हैं. मैं जानती हूं कि मैंने ऑफर नहीं माना इसलिए ही हमारी अवामी लीग पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार हमेशा संकट में रहती है. अभी और परेशानी होगी, लेकिन इस पर फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है. मैं देश का कोई हिस्सा किराए पर लेकर या किसी को सौंपकर सत्ता में नहीं आना चाहती. मुझे कोई अन्य देश और सत्ता की जरूरत नहीं है.”

मई में शेख हसीना की आशंका तीन महीने बाद सच साबित हुई. आवामी लीग पार्टी पर ऐसा संकट मंडराया कि उन्हें बांग्लादेश को आनन फानन में छोड़कर भागना पड़ा.  

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