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सूडान में 80 लोगों का नरसंहार, पैरा-मिलिट्री फोर्स की घिनौनी करतूत

सूडान में सेना और पैरामिलिट्री-फोर्स के बीच छिड़ी जंग में 80 से ज्यादा निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई. अर्धसैनिक समूह के लड़ाकों ने एक गांव पर हमला कर अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 85 लोगों की मौत हो गई.

80 से ज्यादा निहत्थे लोगों का नरसंहार
सूडान में 18 महीने से जारी आंतरिक जंग के बीच बड़ी घटना हुई है. सूडान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में घटना की जानकारी देते हुए बताया कि “अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) ने जुलाई में सेन्नार प्रांत के गलगानी में हमले शुरू किए और पिछले सप्ताह आरएसएफ लड़ाकों ने गांव के निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. ग्रामीणों ने अपहरण और महिलाओं व लड़कियों के साथ यौन शोषण का विरोध किया, जिसके बाद उन पर हमला किया गया. हमले में 150 से अधिक ग्रामीण घायल हो गए.”

सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच पिछले साल अप्रैल से ही संघर्ष चल रहा है. मुख्य विवाद सेना और अर्धसैनिक बल आरएसएफ के विलय को लेकर है. सूडान में नागरिक सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने की मांग को लेकर टकराव है. दोनों के बीच टकराव के चलते सैकड़ों मौत हो चुकी है

सेना और आरएसएफ में क्या है विवाद, जानिए
साल 2019 में सूडान के राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के खिलाफ जनता ने विद्रोह कर दिया था. जिसके बाद अक्टूबर 2021 में सेना ने अल-बशीर की सरकार का तख्तापलट कर दिया. सूडान में तख्तापलट के बाद से ही सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान देश की कमान संभाल रहे हैं. वहीं अर्द्धसैनिक बल आरएसएफ के प्रमुख हमदान दगालो यानी हेमेदती, सूडान के दूसरे नंबर के नेता हैं.

तख्तापलट के बाद सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच एक समझौता हुआ. समझौते के तहत एक सोवरेनिटी काउंसिल बनी. सेना प्रमुख जनरल बुरहान काउंसिल के अध्यक्ष तो जनरल दगालो उपाध्यक्ष बने. इस काउंसिल ने तय किया कि अक्टूबर 2023 के आखिर में चुनाव कराए जाएंगे पर दोनों जनरल में सहमति नहीं बनने से संघर्ष बढ़ गया. संघर्ष इतना बढ़ गया कि दोनों ने बख्तरबंद गाड़ियां और टैंक एक दूसरे के खिलाफ सड़क पर उतार दिए थे.

सेना की कोशिश है कि आरएसएफ का सेना में विलय हो जाए. लेकिन आरएसएफ विलय का विरोध कर रही है. सूडान की सेना में लगभग तीन लाख सैनिक हैं, जबकि आरएसएफ में एक लाख से ज्यादा जवान हैं.

अब आरएसएफ ने 80 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी है, जिसके बाद सूडान में तनाव है. लोगों में डर और गुस्सा है.

भारत का ऑपरेशन कावेरी

पिछले साल अप्रैल के महीने में जब सूडान की सेना और आरएसएफ के बीच गृह युद्ध छिड़ा था, तब भारत ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ के जरिए वहां फंसे 750 भारतीय नागरिकों को नौसेना और वायुसेना की मदद से सुरक्षित निकाला था. 

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