प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा पर मुहर लग गई है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पौलेंड यात्रा (21-22 अगस्त) के अगले दिन यानी 23 अगस्त को पीएम मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण समझौते होने की उम्मीद है. यूक्रेन के इतिहास में पहली बार भारत का कोई प्रधानमंत्री कीव के दौरे पर पहुंच रहा है.
पीएम मोदी के यूक्रेन जाने पर सस्पेंस बना हुआ था. कीव (यूक्रेन की राजधानी) दौरे पर इसलिए भी बादल छाए हुए थे क्योंकि यूक्रेन ने हाल ही में रूस के कुर्स्क प्रांत में घुसकर एक बड़ा हमला किया है. इस हमले के चलते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से किसी भी तरह की शांति वार्ता से इंकार कर दिया है.
जुलाई में मॉस्को की यात्रा के बाद पीएम मोदी का कीव जाने का प्लान था. हालांकि, भारत ने इस बाबत कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की थी लेकिन अंदरखाने दौरे की तैयारी चल रही थी. सोमवार को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने पौलेंड और यूक्रेन यात्रा की आधिकारिक घोषणा की.
माना जा रहा है कि कीव दौरे के दौरान पीएम मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से युद्ध रोकने और रूस से शांति वार्ता को लेकर चर्चा करेंगे. मॉस्को दौरे के दौरान खुद पुतिन ने युद्ध रुकवाने की पीएम मोदी की कोशिशों की सार्वजनिक तौर से प्रशंसा की थी. यही वजह है कि मोदी के कीव दौरे से अमेरिका सहित पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं.
यूक्रेन ने भी मोदी की यात्रा को लेकर आधिकारिक बयान जारी कर किया है. यूक्रेन के इतिहास में पहली बार भारत का कोई प्रधानमंत्री कीव की यात्रा पर जा रहा है. मोदी का कीव दौरा, यूक्रेन के नेशनल फ्लैग डे (23 अगस्त) को होगा.
यूक्रेन के मुताबिक, दौरे के दौरान पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा होगी. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. हालांकि, यूक्रेन ने साफ नहीं किया है कि ये किस तरह के दस्तावेज हैं.
6 अगस्त को यूक्रेन की सेना ने रूस की राजधानी मॉस्को से करीब 500 किलोमीटर दूर सीमावर्ती कुर्स्क में बड़ा हमला किया था. उसके बाद से ही यूक्रेन सेना रूसी सीमा के 8-10 किलोमीटर भीतर घुस गई है. करीब दो लाख रूसी नागरिकों को इस हमले के चलते विस्थापित होना पड़ा है. तभी से रूसी सेना यूक्रेनी सैनिकों को खदड़ने में जुटी है लेकिन पूरी तरह सफलता नहीं मिल पाई है.
यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क के सुडझा गैस संयंत्र पर कब्जा करने के बाद कुर्स्क न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा करने की तैयारी कर ली है. ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक नया मोड़ ले लिया है. जिसके चलते पुतिन ने यूक्रेन से किसी भी तरह की वार्ता से साफ इंकार कर दिया है. (Kursk न्यूक्लियर प्लांट पर मंडराया खतरा, रूस ने यूरोप को चेताया)
सोमवार को कुर्स्क में चल रही लड़ाई को लेकर एक सवाल के जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि “डिप्लोमेसी और बातचीत के जरिए ही विवाद का हल संभव है.”
मॉस्को दौरे के दौरान जब मोदी ने कीव मे एक चाइल्ड हॉस्पिटल पर हुए हमले का जिक्र किया था तो क्रेमलिन के नाराज होने की रिपोर्ट सामने आई थी. हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने ऐसी किसी भी तरह के खबरों को एक सिरे से खारिज कर दिया था. ऐसे में मोदी की कीव यात्रा को लेकर रूस की प्रतिक्रिया का भी सभी को इंतजार रहेगा. (यूक्रेन से अब नहीं होगी कोई बातचीत: पुतिन)
इस बीच शनिवार को कीव में जब भारत के नवनियुक्त राजदूत रवि शंकर ने जेलेंस्की से मुलाकात की थी, तभी ये बात लगभग साफ हो गई थी कि मोदी यूक्रेन जा सकते हैं.
इस बाच रूस के नेवी चीफ एडमिरल अलेक्जेंडर अलेक्सयेविच मोसियेव चार दिन की भारत यात्रा पर आए हैं. राजधानी दिल्ली में एडमिरल मोसियेव ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान और भारतीय नौसेना के चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी से मुलाकात का. दिल्ली के बाद रूसी नौसेना प्रमुख मुंबई स्थित पश्चिमी नौसेना कमान के मुख्यालय का दौरा भी करेंगे.