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अमेरिका से तेजस के इंजन लेकर लौटेंगे राजनाथ

भारत और अमेरिका के बीच बड़ी डिफेंस डील को मंजूरी मिल गई है. भारत-अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने के लिए राजनाथ सिंह अमेरिका में हैं. इस दौरान अमेरिका और भारत के बीच सिक्योरिटी ऑफ सप्लाई एग्रीमेंट पर दस्तखत हुए हैं. इस समझौते के तहत अब दोनों देश (भारत और अमेरिका) एक दूसरे के नेशनल डिफेंस संबंधी जरूरतों को प्राथमिकता देंगे. इस समझौते को आसानी से समझें तो भारत और अमेरिका दोनों ही देश सप्लाई चेन में किसी भी बाधा के मामले में एक-दूसरे के ‘रिसोर्स’ का इस्तेमाल कर सकते हैं. मतलब नेशनल डिफेंस संबंधी सामान और सेवाओं की जरूरत भारत या अमेरिका को एक दूसरे से होगी तो वो सिक्योरिटी ऑफ सप्लाई एग्रीमेंट (एसओएसए यानी सोसा) के तहत पहले एक दूसरे को प्राथमिकता देंगे और रक्षा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगे.

अब ‘तेजस’ के इंजन की सप्लाई होगी सुनिश्चित!
भारत और अमेरिका के बीच जो डिफेंस डील हुई है वो आज के समय की जरूरत है. ऐसे समय में जब रूस-यूक्रेन का युद्ध खत्म नहीं हो रहा पूरी दुनिया में रक्षा क्षेत्र के सामानों के आपूर्ति पर बुरा असर पड़ा है. भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू फाइटर जेट एलसीए तेजस एमके-1ए में अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस के जीई-404 इंजन लगाए जाने हैं. लेकिन वक्त में सप्लाई न होने के चलते भारतीय वायुसेना को अभी तक एक भी तेजस एमके-1ए की डिलीवरी नहीं हो पाई है. माना जा रहा है कि सोसा पर दस्तखत होने के बाद इंजन की डिलीवरी में तेजी आएगी. माना जा रहा है कि एग्रीमेंट के बाद तेजस के इंजन की सितंबर तक डिलीवरी सुनिश्चित हो पाएगी.

अमेरिका के साथ दुनिया के कुल 18 देश है जिसके साथ सोसा समझौता है. भारत 18वां देश है जिसके साथ ये समझौता हुआ है. अमेरिका के दूसरे साझेदार ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, इजरायल, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, नीदरलैंड, नॉर्वे, कोरिया रिपब्लिक, सिंगापुर, स्पेन, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम हैं.

भारत और अमेरिका में लाइजनिंग अफसरों की तैनाती

राजनाथ सिंह के अमेरिका दौरे के दौरान एक दूसरा समझौता भी हुआ है. इस समझौते में दोनों देशों के बीच संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, लाइजनिंग ऑफिसर की तैनाती के लिए दोनों देशों के बीच एक एमओयू पर भी दस्तखत हुए है. इसके तहत भारत, अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित स्पेशल ऑपरेशन कमांड के मुख्यालय में लाइजनिंग ऑफिसर तैनात करेगा. पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के सैन्य संगठनों में सूचना साझा करना और संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति पर जोर दिया था.

भारत को एंटी सबमरीन वारफेयर सोनो-बॉय देगा अमेरिका
अमेरिका ने भारत को एंटी सबमरीन उपकरण सोनोबॉय की बिक्री को मंजूरी दे दी है. लगभग 52.8 मिलियन डॉलर की अनुमानित लागत वाले इस सौदे को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंजूरी दी है. इस उपकरण के जरिए भारत अपने समुद्री क्षेत्र में मौजूद दुश्मनों की पनडुब्बियों का आसानी से पता लगा सकेगा. इस प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करके अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों का समर्थन करेगी. सोनोबॉय करीब तीन फुट लंबा और पांच इच व्यास का सोनार सिस्टम है. इसकी खासियत ये है कि पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए इसे पानी के जहाजों, हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज से लेकर युद्धपोत और पनडुब्बियों से सागर में गिराया जा सकता है.

संकट के वक्त देवदूत बनी भारतीय नौसेना: लॉयड ऑस्टिन
अपनी वाशिंगटन यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की.  इस दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने कहा, ‘‘हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का दृष्टिकोण साझा करते हैं और भारत के साथ हमारा रक्षा सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है. हम अपने रक्षा औद्योगिक संबंधों का विस्तार कर रहे हैं तथा और क्षमताओं का सह-उत्पादन करने तथा आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं. भारतीय नौसैनिकों ने संकट के वक्त मदद की है और वैश्विक व्यापार की रक्षा की है. इसलिए हम सैन्य (मेरीटाइम) सहयोग मजबूत करने और मानव-रहित प्रौद्योगिकी के साथ मिलकर और अधिक काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात कर भारत और अमेरिका के आपसी हितों के अहम रणनीतिक मामलों पर बातचीत की.

एमक्यू 9बी प्रीडेटर ड्रोन पर क्या है स्टेटस?
राजनाथ सिंह 26 अगस्त तक अमेरिकी दौरे पर है. इस दौरे में एमक्यू 9बी प्रीडेटर ड्रोन डील पर सबकी निगाहें हैं. खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अमेरिका और भारत के संबंधों में आई खटास के बाद एमक्यू 9बी प्रीडेटर ड्रोन डील खटाई में पड़ गई थी. माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह के अमेरिकी दौरे पर 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की योजना पर भी फैसला लिया जा सकता है. 

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