भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए श्रीलंका में चल रहे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पहुंचे हैं एनएसए अजीत डोवल. कोलंबो में अजीत डोवल की मौजूदगी से चीन चौकन्ना है, क्योंकि मालदीव से लेकर मॉरीशस तक भारत अपनी सुरक्षा को मजबूत कर रहा है.
एनएसए अजीत डोवल ने शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर चर्चा की. श्रीलंका में अगले महीने ही राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. उस लिहाज से भी डोवल और विक्रमसिंघे की मुलाकात अहम मानी जा रही है.
कोलंबो में जेम्स बॉन्ड, चीन है चौकन्ना
श्रीलंका ने ‘कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया है. इस मंच पर भारत, श्रीलंका, मालदीव और मॉरीशस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों तथा उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एक मंच पर आए हैं. कॉन्क्लेव में बांग्लादेश और सेशेल्स को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है. इस कॉन्क्लेव में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद की रोकथाम और साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होती है. भारत हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक चिंताओं को भी इस मंच पर साझा करता है.
शुक्रवार को इस कॉन्क्लेव से इतर एनएसए अजीत डोवल ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और जारी द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर चर्चा की. इस साल की शुरुआत में चीन के जासूसी जहाज को श्रीलंका ने भारत को विरोध के बाद अपने तट पर रुकने से मना कर दिया था. जिसके बाद मालदीव के तट पर चीन का जहाज रिसर्च के बहाने जासूसी करने पहुंचा था.
क्या है कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव?
सीएससी एक हाई लेवल कॉन्फ्रेंस है जहां देशों की सुरक्षा को लेकर अहम बैठक होती है और रणनीति तय की जाती है. साल 2011 में कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव की शुरुआत हुई थी. इस कॉन्क्लेव में आतंकवाद, तस्करी, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और साइबर सिक्योरिटी को लेकर गहन चर्चा की जाती है. साथ ही आपदा के समय देशों के बीच समन्वय पर भी चर्चा होती है.
हिंद महासागर में चीन अपना दबदबा कायम करना चाहता है, जबकि हिंद महासागर में भारत सुदृढ़ है. ड्रैगन ने हिंद महासागर में तीन सर्वेक्षण और निगरानी पोत तैनात किए. साल 2025 तक चीन हिंद महासागर में वाहक टास्क फोर्स की गश्त शुरू करने की तैयारी में है. ऐसे में भारत का अलर्ट रहना बेहद जरूरी है.
भारत और चीन के युद्धपोत एक साथ श्रीलंका में
भारतीय नौसेना का आईएनएस मुंबई युद्धपोत इसी हफ्ते तीन दिन की कोलंबो की यात्रा पर था. इसी दौरान चीन के तीन युद्धपोत भी एक साल बाद श्रीलंका पहुंचे थे. श्रीलंका ने पिछले साल 12 महीनों के लिए चीनी जंगी जहाज को श्रीलंका में आने पर रोक लगा दी थी. अवधि खत्म होते ही चीन के एक साथ तीन युद्धपोत श्रीलंका पहुंच गए.