शेख हसीना की सरकार गिरने के साथ ही बांग्लादेश ने पाकिस्तान से सांठगांठ शुरु कर दी है और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद आयात करना शुरू कर दिया है. टीएफए को मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश को अगले हफ्ते पाकिस्तान से 60 टन आरडीएक्स (बारूद) मिलने जा रहा है. इसके अलावा अगले तीन महीने में पाकिस्तान से बांग्लादेश को तोप और टैंक का गोला-बारूद भी सप्लाई किया जाएगा.
टीएफए के हाथ लगा है पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री (पीओएफ) बोर्ड के एक्सपोर्ट डिवीजन का लेटर जिसमें बांग्लादेश को होने वाले गोला-बारूद के निर्यात के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. पीओएफ के जनरल मैनेजर ने 7 अगस्त को ये लेटर अपनी अलग-अलग इकाइयों को बांग्लादेश को होने वाले निर्यात के लिए लिखा है. इन इकाइयों से ही बांग्लादेश को तोप के फ्यूज और प्रोजेक्टाइल (गोले), प्रोपेलिंग चार्ज, टैंक का टहाई एक्सप्लोसिवट गोला-बारूद और आरडीएक्स शामिल है.
खास बात ये है कि 5 अगस्त को ही बांग्लादेश की (तत्कालीन) प्रधानमंत्री शेख हसीना को उग्र आंदोलन और हिंसा के चलते आर्मी चीफ के कहने पर देश छोड़कर भारत आना पड़ा था. यानी शेख हसीना के देश की कमान छोड़ने के दो दिन बाद ही पाकिस्तान से बांग्लादेश को गोला-बारूद की सप्लाई शुरू हो गई. इसके बाद बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष वकार उज जमान के निर्देश पर ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनाई गई है.
21 जून को जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के आधिकारिक दौरे पर आई थी, तब पीएम नरेंद्र मोदी की मौजदूगी में दोनों देशों ने साझा हथियार निर्माण के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. एक लंबे समय तक भारत ने बांग्लादेश के टैंक और तोप निर्यात करने की मांग को ठुकरा दिया था. क्योंकि बांग्लादेश का 4096 किलोमीटर लंबा बॉर्डर भारत से सटा है और मात्र 200 किलोमीटर म्यांमार से. ऐसे में भारत का ऐतराज रहा था कि बांग्लादेश को किस देश के खिलाफ टैंक और तोप की जरूरत पड़ सकती है. (चीन के टैंक को लगा जंग, वीडियो वायरल)
हालांकि, एक दशक पहले बांग्लादेश ने चीन से टैंक खरीदे थे. इन टैंक में बड़ी खामियां पाई गई थी. ऐसे में बांग्लादेश ने एक बार फिर भारत से हथियारों की मांग की थी, जिसके लिए ही इसी साल 21 जून को भारत ने साझा हथियारों के निर्माण के करार पर साइन किए थे. लेकिन महज डेढ़ महीने के अंदर ही शेख हसीना का तख्तापलट कर दिया गया और पाकिस्तान से हथियारों की सप्लाई शुरु हो गई है. (बांग्लादेश की रक्षा जरूरतों को पूरा करेगा भारत)
भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों को इस बात का पूरा शक है कि बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और चीन का भी हाथ रहा है. क्योंकि चीन और पाकिस्तान ने बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठनों को समर्थन करने का काम किया है. इसके अलावा विपक्षी पार्टी बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान का आईएसआई से करीबी रिश्ता रहा है. (बांग्लादेश में ISI की साजिश कामयाब)
पाकिस्तानी ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने जो लैटर बांग्लादेश के गोला-बारूद के निर्यात के बारे में लिखा है उसमें अगले हफ्ते यानी सितंबर के पहले हफ्ते में 155 आर्टिलरी गन्स (तोप) के लिए 20 हजार फ्यूज और 10 हजार प्रोपेलिंग चार्ज शामिल हैं. साथ ही 60 मीट्रिक टन आरडीएफ वैक्स शामिल है जिससे एक्सप्लोसिव तैयार किया जा सके.
आरडीएक्स का इस्तेमाल सेना के साथ-साथ आतंकी संगठन बम ब्लास्ट में करते आए हैं. हाल ही में बांग्लादेश ने कट्टरपंथी इस्लामिक सगठन जमात-ए-इस्लामी सहित अलकायदा से संपर्क रखने वाले संगठनों पर लगा बैन हटा दिया है. शेख हसीना ने इन सभी संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा था और उसके नेता जेल में बंद थे. शेख हसीना के तख्तापलट होते ही जमात के नेताओं को जेल से रिहा कर दिया गया है. जमात का हमेशा से भारत-विरोधी रुख रहा है.
पीओएफ के लेटर के मुताबिक, नवंबर के महीने में बांग्लादेश को 155 एमएम गन के लिए 2900 प्रोजेक्टाइल, एम 82 सेमी-ऑटोमेटिक राइफल के लिए 5678 प्राइमर और एम 119ए2 लाइट गन्स के लिए 2900 प्रोपेलिंग चार्ज शामिल हैं.
दिसंबर के महीने में भी पाकिस्तान से बांग्लादेश को 155एमएम तोप के 10 हजार एम4ए2 चार्जर और 2000 125एमएम हाई एक्सप्लोसिव टैंक एम्युनिशन सहित 40 टन आरडीएक्स निर्यात किया जाएगा.
पाकिस्तान की हवेलियां, संजवाल, गडवाल और जेबीएच-कॉम्प्लेक्स स्थित फैक्ट्रियां इन गोला-बारूद की सप्लाई बांग्लादेश को करेंगी.