यूक्रेन युद्ध के ढाई साल बाद रूस ने अपनी सेना को बढ़ाने का फैसला किया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश की सेना को अब 15 लाख करने का ऐलान किया है. यानी चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना अब रूस की हो जाएगी. अभी तक 14.55 लाख सैनिकों के साथ ये रिकॉर्ड भारत के नाम था.
पुतिन ने सेना को बड़ा करने के फैसले के साथ ही रुस के सशस्त्र बलों की संख्या करीब 24 लाख (23.89 लाख) करने का ऑर्डर दिया है. इनमें से 15 लाख रेगुलर सैनिक होंगे. अभी तक रूस के कुल सशस्त्र बलों की संख्या 22 लाख थी और एक्टिव सैनिकों की संख्या 13.20 लाख थी. यानी अब रूस की सेना में 1.80 लाख सैनिकों की बढ़ोतरी हो जाएगी.
वर्ष 2022 में भी पुतिन ने रूस की सेना को 11.50 लाख किया था और अगले साल यानी 2023 में 13.20 लाख.
रुस से ज्यादा अब चीन की ही सेना की संख्या है. चीन के रेगुलर सैनिकों की संख्या करीब 20 लाख है. तीसरे नंबर पर भारत की सेना की तादाद है 14.55 लाख. जबकि चौथे और पांचवें नंबर पर क्रमश अमेरिका (13.20 लाख) और उत्तर कोरिया (13 लाख) हैं.
दरअसल, हाल ही में कुर्स्क में यूक्रेनी सेना ने घुसकर हमला बोल दिया था और करीब 1300 वर्ग किलोमीटर के इलाके पर कब्जा कर लिया है. जिस वक्त यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क पर हमला किया, वहां बेहद कम मात्रा में सैनिक मौजूद थे. रूस ने सोचा नहीं था कि यूक्रेन सेना रूस पर भी कभी आक्रमण कर सकती है. रूस की सेना की मौजूदगी डोनबास इलाके में है जिसे रूस ने युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन से छीन लिया है. ऐसे में रूस को लगता है कि यूक्रेन कहीं दूसरे सीमावर्ती इलाकों पर इस तरह के ऑपरेशन न कर दे, इसके लिए एक बड़ी फौज की जरूरत होगी.
रूस के सेना को बड़ा करने के पीछे अमेरिका और दूसरे नाटो देश भी हैं जो यूक्रेन को लगातार हथियारों की सप्लाई कर युद्ध को रुकने नहीं दे रहे हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो इस वक्त यूक्रेन की सेना में भी करीब 12 लाख सैनिक हैं. जबकि फरवरी 2022 में यानी जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ आक्रमण (स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन) छेड़ा था उस वक्त यूक्रेन के सेना की संख्या करीब सात लाख थी.