अमेरिका के बाद अब चीन की चालबाजियों से इंग्लैंड भी त्रस्त हो चुका है. ऐसे में इंग्लैंड ने चीन के सभी ‘कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट’ की फंडिंग बंद करने का ऐलान किया है. इंग्लैंड ने चीन के इन इंस्टीट्यूट्स को ‘ट्रोजन-हॉर्स’ करार दिया है जो चीन के प्रोपेगेंडा बढ़ाने का जरिया है.
यूके की कीथ स्ट्रामर सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि “बीजिंग से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में दूसरी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की तरह कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स को भी पारदर्शिता के साथ कानून के दायरे में हमारे मूल्यों के प्रति पूरी तरह समर्पण करते हुए ऑपरेट करना होगा.” ऐसे में स्ट्रामर सरकार ने इंग्लैंड (यूके) में चल रहे सभी कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट की फंडिंग बंद करने का फैसला लिया गया है.
चीन की सीसीपी (चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी) सरकार द्वारा प्रायोजित कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट, इंटरनेशनल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में चीनी संस्कृति और भाषा के प्रचार-प्रसार का कार्य करती हैं. असल में हालांकि, ये सीसीपी का प्रोपेगेंडा बढ़ाने का काम करते हैं.
हाल ही में यूके की संसद की इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी कमेटी ने इन कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट को चीन की ‘सॉफ्ट पावर और प्रोपेगेंडा’ बढ़ाने वाले ट्रोजन-हॉर्स करार दिए थे.
चीन ने कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट को यूके के ‘ब्रिटिश काउंसिल’ और जर्मनी के ‘गोएथे इंस्टीट्यूट’ और फ्रांस के ‘अलायंस फ्रेंका(एस)’ की तर्ज पर शुरू किए थे. लेकिन धीरे-धीरे कर दुनियाभर में चीन के इन ट्रोजन-हॉर्स को विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले कुछ सालों से अमेरिका में भी कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट को सभी यूनिवर्सिटी इत्यादि में विरोध के चलते बंद करने पड़े हैं. एक समय में पूरे अमेरिका में करीब 100 ऐसे चीनी संस्थान चल रहे थे. लेकिन आज इनकी संख्या महज पांच रह गई है. इसके चलते चीन और अमेरिका के संबंधों पर भी खास असर पड़ा है.
वर्ष 2021 में अमेरिका की चीनी इंटरप्रेटर को अलास्का में आयोजित यूएस-चायना समिट के दौरान गलतियों के चलते ऑनलाइन मजाक का पात्र बनना पड़ा था.
हाल ही में अमेरिका संसद (कांग्रेस) में चीन के विरोध में एक बिल भी लाया गया था, जिसमें देश के सभी विश्वविद्यालयों से चीनी इंस्टीट्यूट बंद करने का आह्वान किया गया था.
कोरियाई मूल की अमेरिकी सांसद मिशेल स्टील ने संसद में कहा था कि “राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमें चीन से पूरे तरह से संबंध तोड़ लेना चाहिए.” स्टील ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों को चीन के कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट बंद करने का आह्वान किया. क्योंकि ये इंस्टीट्यूट “चीन के प्रोपेगेंडा मशीनरी हैं जो छात्रों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं.”