अमेरिका में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, हिंसा और नेताओं पर हमले बढ़ गए हैं. पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर दो हमलों के बाद अब उपराष्ट्रपति (और डेमोक्रेट उम्मीदवार) कमला हैरिस के दफ्तर के बाहर भी गोली चलाई गई है. फायरिंग की घटना एरिजोना में साउथ एवेन्यू और प्रीस्ट ड्राइव के पास कमला हैरिस के ऑफिस के बाहर हुई है.
हालांकि कमला हैरिस के दफ्तर के बाहर फायरिंग आधी रात में हुई है, जिस वक्त दफ्तर में कोई मौजूद नहीं था. घटना में अबतक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है. ट्रंप पर पहले दो बार हमला हो चुका है और अब एक खुफिया इनपुट से उड़ी अमेरिका की नींद उड़ा दी. इंटेलिजेंस रिपोर्ट की मानें तो ईरान ट्रंप पर फिर हमला करवा सकता है.
ऐसे में ट्रंप ने ईरान को धमकी दी है कि अगर ऐसी कोई हरकत की तो यूएस मिलिट्री ‘इंतजार’ में बैठी है. (https://x.com/realDonaldTrump/status/1838802596066209994)
ईरान के टॉप टारगेट पर डोनाल्ड ट्रंप?
इजरायल के साथ चल रही जंग के बीच ईरान के टारगेट पर अमेरिका है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि वो ईरान के टॉप टारगेट पर हैं. डोनाल़्ड ट्रंप के चुनावी कैंपेन ने बुधवार को खुफिया इनपुट की जानकारी देते हुए कहा कि ” बुधवार को राष्ट्रीय खुफिया निदेशालय की ओर से उन्हें खतरे की जानकारी दी गई है. ईरान ऐसा क्यों करना चाहता है, इसके बारे में बताया गया है कि ईरान का मकसद अमेरिका में अराजकता फैलाना और चुनावी माहौल को खराब करना है.”
डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा के लिए अलर्ट एजेंसियां
13 जुलाई को पेंसिलवेनिया की रैली के दौरान डोनाल़्ड ट्रंप पर शूटर ने फायरिंग की थी. इस हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए थे. शूटर को अमेरिका के सीक्रेट एजेंट्स ने ढेर कर दिया था. वहीं सितंबर के महीने में ही दोबारा ट्रंप को मारने की कोशिश की गई थी.एक शूटर ने गोल्फ खेल रहे ट्रंप को गोली मारने की कोशिश की थी. पर फायरिंग से पहले ही अमेरिका के सीक्रेट एजेंट्स ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. वहीं हाल ही में एक पाकिस्तानी शख्स की गिरफ्तारी हुई थी जो ईरान के माध्यम से अमेरिका में शूटर को सुपारी दे रहा था जो एक बड़े राजनेता की हत्या कर सके. शंका इस बात की है वो बड़ा राजनेता कोई और नहीं संभवत: डोनाल्ड ट्रंप हो सकते हैं.
ट्रंप को क्यों दुश्मन मानता है ईरान?
अमेरिका का सारे आरोपों को ईरान खारिज करता रहा है. हालांकि, सच्चाई ये है कि ईरान अपने कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के पीछे डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार मानता है और सुलेमानी की हत्या का बदला लेने की कसम खा चुका है. ईरान में इनदिनों उदारवादी राष्ट्रपति पेजेश्कियान के सत्ता में आने से तेहरान के सुर थोड़ा नरम हो गए हैं. ईरान अब अमेरिका से ना सिर्फ आर्थिक प्रतिबंधों से रियायत चाहता है बल्कि इजरायल के मंडरा रहे संकट पर भी साथ चाहता है. ऐसे में अगर सत्ता में डोनाल्ड ट्रंप आ गए तो फिर ईरान के मंसूबों पर पानी फिर सकता है.
बहरहाल ट्रंप के बाद कमला हैरिस के दफ्तर पर फायरिंग के बाद दोनों ही राष्ट्रपति उम्मीदवारों की सुरक्षा में इजाफा कर दिया गया है. एलन मस्क भी ट्रंप पर हो रहे हमलों पर सवाल खड़े कर चुके हैं.