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इजरायल को जंग में मिला भारत का साथ, मोदी-नेतन्याहू की फोन कॉल

आतंकी संगठन हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों के खिलाफ इजरायल के घातक मिशन का भारत ने पुरजोर समर्थन किया है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात कर आतंकवाद को पूरी तरह से दुनिया से मिटाने पर बात की. हालांकि, मोदी ने नेतन्याहू से आतंकवाद के खिलाफ जंग को पूर्ण-युद्ध में तब्दील होने से रोकने का भी आह्वान किया.

इजरायल के प्रधानमंत्री से फोन पर बात करने के बाद पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा कि “बेंजामिन नेतन्याहू से पश्चिमी एशिया के हाल की परिस्थितियों पर बात की है.” मोदी ने लिखा कि “दुनिया में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है.”

मोदी ने हालांकि, अपने एक्स अकाउंट पर ये भी लिखा कि, “ये महत्वपूर्ण है कि सभी (इजरायली) बंधकों की सुरक्षित रिहाई हो लेकिन कार्रवाई को क्षेत्रीय युद्ध में तब्दील होने से बचाना है.”

प्रधानमंत्री मोदी ने नेतन्याहू को भरोसा दिया कि जल्द से जल्द ‘शांति और स्थिरता’ लाने के लिए भारत पूरी तरह से समर्थन करने के लिए तत्पर है.

गाजा में पिछले एक साल से आतंकी संगठन हमास के खिलाफ जंग के बाद इजरायल की डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शुक्रवार को लेबनान में पिछले 30 सालों से सक्रिय हिजबुल्लाह के आका हसन नसरल्लाह को एक घातक एरियल स्ट्राइक में मार गिराया था. (08 टन बारूद से हुआ नसरल्लाह ढेर, 30 मीटर गहरे गड्ढे में दफन)

नसरल्लाह को मारने के बाद इजरायल ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ भी हमले तेज कर दिए हैं. क्योंकि हिजबुल्लाह की तरह ही हूती विद्रोही भी हमास के समर्थन में इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से अटैक कर रहे थे. हूती विद्रोहियों की एक हाइपरसोनिक मिसाइल तो इजरायल के सबसे बड़े शहर तेल अवीव पर आकर गिरी थी. ऐसे में आईडीएफ ने हूती विद्रोहियों को सबक सिखाने का पूरा इंतजाम कर लिया है.

उधर, अमेरिका ने भी सीरिया और इराक में सक्रिय आतंकी संगठन आईएसआईएस और अलकायदा के खिलाफ बड़ी स्ट्राइक करते हुए 37 आतंकियों को मार गिराने का दावा किया है.

इजरायल और अमेरिका की आतंकी संगठनों के खिलाफ बड़े मिशन से ईरान बिलबिला गया है. क्योंकि नसरल्लाह के खिलाफ हुई स्ट्राइक में उसके (ईरान) के मिलिट्री ऑफिसर भी ढेर हुए हैं. ये सैन्य अफसर ईरान की तरफ से हिजबुल्लाह के मिलिट्री एडवाइजर के तौर पर लेबनान की राजधानी बेरूत में तैनात थे. साथ ही ईरान की राजधानी तेहरान में भी इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के एक बेहद ही सर्जिकल ऑपरेशन में हमास के टॉप कमांडर इस्माइल हानिया (हानिये) का सफाया कर दिया गया था. (इजरायल ने कैसे की हानिया की हत्या, ईरान कन्फ्यूज)

ऐसे में इस बात की आशंका है कि ईरान कहीं इजरायल के खिलाफ ऑल-आउट वॉर न छेड़ दे. हालांकि, ईरान की ऐसी हालात नहीं है कि इजरायल और अमेरिका, दोनों से एक साथ पंगा ले सके.