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मुइज्जु India In, वायुसेना का प्लेन लाया दिल्ली

‘इंडिया आउट’ का नारा देकर सत्ता में आने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने इंडिया इन किया है. इंडिया-इन मतलब ये कि चीन के करीबी मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चार महीने में दूसरी बार हिंदुस्तान पहुंचे हैं, वो भी भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से.

सत्ता में आने के बाद पहले भारत ना आने की परंपरा तोड़ने वाले मोहम्मद मुइज्जू अब रिश्ते सुधारने के लिए पांच दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं. रविवार को राष्ट्रपति मुइज्जू ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की.

सोमवार का दिन मोहम्मद मुइज्जू के लिए इसलिए अहम है क्योंकि सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें भारत के साथ संबंधों पर भी चर्चा होगी. संबंधों को सुधारने पर भी चर्चा की जाएगी. पीएम मोदी के साथ मीटिंग से पहले मुइज्जू ने कहा है कि “चीन के साथ मालदीव के करीबी संबंधों पर भारत की चिंताओं को दूर करने की कोशिश करेंगे.”

एस जयशंकर से हुई मोहम्मद मुइज्जू की मुलाकात

दिल्ली पहुंचे मालदीव के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी का भारत में जोरदार स्वागत किया गया. एयरपोर्ट पर मोहम्मद मुइज्जू को विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह रिसीव करने पहुंचे. दिल्ली पहुंचने पर मालदीव के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत हुई.

जयशंकर ने एक्स पर लिखा कि “आज प्रेसिडेंट मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात कर खुशी हुई. भारत-मालदीव रिश्तों को बढ़ाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं. मुझे यकीन है कि कल पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत हमारे मैत्रीपूर्ण संबंधों को नई गति प्रदान करेगी.”

भारत की सुरक्षा और स्थिरता पर नहीं पहुंचाएंगे नुकसान: मुइज्जू

सोमवार को हर किसी की नजर पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू की मुलाकात पर है. पीएम मोदी के साथ मीटिंग से पहले मुइज्जू ने कहा है कि चीन के साथ मालदीव के करीबी संबंधों पर भारत की चिंताओं को दूर करने की कोशिश करेंगे. मालदीव के दूसरे देशों से संबंध बढ़ रहा है पर हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे भारत की सुरक्षा और स्थिरता को नुकसान पहुंचे. 

मालदीव, भारत के साथ मजबूत और रणनीतिक संबंध बनाए रखेगा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेगा. राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि ‘मालदीव फर्स्ट’ नीति के तहत उनका देश भारत के साथ अपने पुराने और भरोसेमंद संबंधों को प्राथमिकता देता रहेगा. मुइज्जू ने भारतीयों की वापसी पर भी सफाई देते हुए कहा है कि भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी स्थानीय लोगों की मांग थी. पर भारत के साथ मालदीव के द्विपक्षीय संबंध मजबूत थे और रहेंगे. 

मालदीव में आर्थिक संकट, भारत करेगा मदद- मुइज्जू

भारत रवाना होने से पहले मुइज्जू ने कहा कि मालदीव आर्थिक संकट से जूझ रहा है. मुझे उम्मीद है भारत हमारी मदद करेगा. बताया जा रहा है कि मालदीव की विदेशी मुद्दा भंडार सिर्फ 400 मिलियन डॉलर बचा है, जो बेहद ही कम है. मालदीव पहले पर्यटकों के लिए बेहतरीन डिस्टिनेशन होता था, पर भारत के साथ पंगा लेने के बाद भारतीय पर्यटकों के अलावा विदेशी पर्यटकों ने भी मालदीव का बायकॉट करना शुरु कर दिया है, जिसके बाद मालदीव की कमाई में बेहद कमी आ गई है.

भारत को खुश करने के लिए मुइज्जू ने पीएम मोदी और भारत के खिलाफ टिप्पणी करने वाले अपने मंत्रियों पर भी एक्शन लिया था. वहीं हाल ही में एस जयशंकर के मालदीव दौरे के दौरान हुए समझौते पर भारत की जमकर तारीफ की थी.

भारत की कूटनीति आई काम

पिछले साल मालदीव में सत्ता परिवर्तन के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने जब कुर्सी संभाली थी तो उनके सुर भारत के विरोध में थे. चीन के करीबी मुइज्जू ने भारतीयों सेना की मौजूदगी को मुद्दा उठाते हुए सभी भारतीयों को वापस भारत भेज दिया था.

भारत की नाराजगी को नजरअंदाज करते हुए मुइज्जू ने चीन के जासूसी जहाज को भी अपने तट पर दो-दो बार रुकने दिया. मुइज्जू ने चीन के इशारे पर तुर्किए से ड्रोन का सौदा किया तो चीन के साथ भी रक्षा समझौता किया. पर जिस चीन के बल पर मुइज्जू को भारत की दोस्ती पसंद नहीं थी, अब भारत के आगे घुटनों के बल है. 

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