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विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो को किया Naked, लगाए थे मनगढ़ंत आरोप

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा में तैनात भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा सहित अन्य राजनयिकों पर आरोप मढ़ने पर भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को ‘नंगा’ कर दिया है.

विदेश मंत्रालय ने कड़ा बयान जारी कर कनाडा के प्रधानमंत्री को अपनी ‘घरेलू राजनीति’ में भारत को घसीटने पर आपत्ति दर्ज कराई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सितंबर 2023 में ट्रूडो ने कुछ आरोप लगाए थे, लेकिन उससे जुड़े सबूतों को बार-बार मांगने पर भी साझा नहीं किया.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कनाडा के प्रधानमंत्री की ‘भारत-विरोधी’ छवि लंबे समय से दिखाई पड़ रही है. मंत्रालय ने ट्रूडो का काला चिट्ठा उजागर करते हुए सबसे पहले वर्ष 2018 में भारत दौरा का जिक्र किया. उस दौरान ट्रूडो ने पंजाब का दौरा किया था ताकि चुनाव में सिख समुदाय के वोट मिल सकें. क्योंकि कनाडा में बड़ा सिख वोट बैंक है.

जायसवाल के मुताबिक, दिसंबर 2020 में भारत की आंतरिक राजनीति में ट्रूडो के ‘नंगे हस्तक्षेप’ ने दिखा दिया कि वे इस संबंध में कहां तक जाने को तैयार हैं. क्योंकि ट्रूडो के कैबिनेट में ऐसे मंत्री शामिल हैं जो कट्टरपंथी होने के साथ-साथ भारत से अलगाव की विचारधारा रखते हैं.

दरअसल, पिछले साल जून के महीने में कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की एक स्थानीय गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के लिए ट्रूडो ने भारत को जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन घटना के एक साल बाद भी कनाडा ने भारत को कोई सबूत नहीं सौंपा है.

रविवार को कनाडा ने भारतीय विदेश मंत्रालय को बताया कि निज्जर की हत्या में ओटोवो में तैनात भारतीय हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा सहित उच्चायोग में तैनात अन्य राजनियक की दिलचस्पी थी.

उच्चायुक्त पर लगाए आरोपों से विदेश मंत्रालय भड़क गया है. संजय कुमार वर्मा, एक कैरियर डिप्लोमेट हैं और पिछले 36 सालों से विदेश मंत्रालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कनाडा के उच्चायुक्त नियुक्त होने से पहले, वर्मा जापान और सूडान के राजदूत रह चुके हैं. साथ ही विदेश सेवा के दौरान वे टर्की, वियतनाम, इटली और चीन जैसे देशों में डिप्लोमेट के तौर पर कार्य कर चुके हैं.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, ट्रूडो पर कनाडा में ‘विदेशी हस्तक्षेप’ लग रहे हैं. इसके लिए ट्रूडो  को एक कमीशन के समक्ष भी उपस्थित होना है. विदेश मंत्रालय ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि इस विदेशी हस्तक्षेप के लिए कनाडा ने भारत पर दोष मढ़ दिया है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए ट्रूडो ने हिंसा फैलाने वाले कट्टरपंथियों और आतंकियों को भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय को प्रताड़ित करने से लेकर डराने-धमकाने की इजाजत दे रखी है. यहां तक की भारतीय नेताओं (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को जान से मारने की धमकी दी है.

भारत ने यहां तक आरोप लगा दिए कि जिन भारतीय नागरिकों ने गैर-कानूनी तरीके से कनाडा में घुसपैठ की है, उन्हें भी फास्ट-ट्रैक नागरिकता प्रदान कर दी है. भारत के कई बार अनुरोध के बावजूद आतंकियों और संगठित अपराधियों के प्रत्यर्पण को भी कनाडा ने कोई ध्यान नहीं दिया है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत सरकार ने दिल्ली में कनाडा के उच्चायोग की गतिविधियों का संज्ञान लिया है जो अपनी मौजूदा सरकार के राजनीतिक एजेंडे को पूरा करती है.

विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि भारत अब कनाडा के इन बेबुनियाद आरोपों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार रखता है.

बयान जारी करने के महज कुछ घंटों के भीतर ही विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर भारतीय हाई कमिश्नर पर लगाए गए मनगढ़ंत आरोपों पर सवाल-जवाब किया.

गौरतलब है कि हाल ही में लाओस में आयोजित एशिया समिट में ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनौपचारिक मुलाकात करने की कोशिश की थी. लेकिन भारत ने ‘सही समय’ और ‘सही जगह’ न होने के चलते ट्रूडो से मुलाकात को टाल दिया था.

अपडेट

भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त सहित आधा दर्जन राजनयिकों को वापस बुला लिया है. साथ ही नई दिल्ली में तैनात कनाडा के कार्यवाहक हाई कमिश्नर सहित छह डिप्लोमेट्स को देश से निष्कासित कर दिया है.

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