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CC-1 गिरफ्तार, पन्नू मामले में आरोपी बनाया अमेरिका ने

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश रचने के मामले में भारत ने अपने एक पूर्व इंटेलिजेंस ऑफिसर को गिरफ्तार कर लिया है. इस बाबत अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के दौर पर जा रहा भारतीय जांच दल एफबीआई को जानकारी साझा करेगा. हालांकि, भारत या फिर अमेरिका की तरफ से इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी साझा नहीं की गई है.

मंगलवार को पन्नू मामले की इन्वेस्टीगेशन में शामिल होने के लिए भारत की एक जांच कमेटी वाशिंगटन डीसी पहुंच रही है. जांच के दौरान भारतीय दल अमेरिकी इन्वेस्टीगेशन टीम से पूर्व भारतीय सरकारी अधिकारी की संलिप्तता के बारे में पुख्ता जानकारी इकठ्ठा करेगी.

अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, भारत से जो टीम वाशिंगटन आ रही है, वो संगठित अपराधियों (खालिस्तानी आतंकियों) के लिए गठित की गई थी. भारत की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एनआईए (नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी) देश-विदेश में खालिस्तानी आतंकियों के नेटवर्क को खंगालने और भंडाफोड़ करने में जुटी है. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिकी जांच दल में एनआईए के अधिकारी शामिल हैं.

माना जा रहा है कि भारत ने जिस पूर्व इंटेलिजेंस ऑफिसर को गिरफ्तार किया है वो कोई और नहीं अमेरिका का सीसी-1 है, जिनकी पहचान ‘विक्रम यादव’ के रूप में की जा रही है. हालांकि, भारत ने कभी भी अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं किया है.

अमेरिकी न्याय विभाग ने न्यूयॉर्क कोर्ट में दायर चार्जशीट में विक्रम यादव का नाम गुप्त रख सिर्फ ‘सीसी-1’ लिखा है. अमेरिकी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से ‘विक्रम यादव’ के नाम का खुलासा किया था.

अमेरिका के मुताबिक, सीसी-1 (विक्रम) पहले सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) में कार्यरत थे और ‘बैटल-क्राफ्ट और वेपन्स में ट्रेनिंग’ ले चुके हैं. वे भारत की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आर एंड डब्लू) यानी रॉ में सीनियर फील्ड ऑफिसर के पद पर तैनात थे और सिक्योरिटी मैनेजमेंट सहित इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी निभा रहे थे. लेकिन पन्नू मामले में नाम आने के चलते उन्हें पद से हटा दिया गया था.

यूएस जस्टिस विभाग के मुताबिक, सीसी-1 (विक्रम यादव) ने ही चेक गणराज्य में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या करने का आदेश दिया था. पन्नू की हत्या को व्रिकम यादव ने प्राथमिकता करार दिया था.

विक्रम ने ही निखिल गुप्ता को पन्नू के न्यूयॉर्क के घर का पता दिया था. जानकारी के मुताबिक, रॉ के तत्कालीन चीफ सामंत गोयल के इशारे पर ही व्रिकम यादव ने पन्नू की सुपारी दी थी.

पिछले साल जून (2023) में अमेरिका के टिप-ऑफ पर यूरोपीय देश चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता उर्फ निक को पन्नू की हत्या की कोशिश की सुपारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. अमेरिका का दावा है कि जिस शख्स को निखिल गुप्ता ने पन्नू की सुपारी दी थी वो और कोई नहीं यूएस ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (डीएई) का ही एक सोर्स था. इस सोर्स ने डीएई के एक अधिकारी को हिटमैन के तौर पर निखिल गुप्ता से मुलाकात कराई थी.

निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने न्यूयॉर्क कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी जिसमें भारत सरकार के एक (पूर्व) अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए गए थे.

चार्जशीट तैयार कराने में अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) और डीईए ने अहम भूमिका निभाई है. अमेरिका की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) ने भी जांच में सहयोग किया है. यही वजह है कि पिछले साल सितंबर के महीने में सीआईए के चीफ ने भारत का दौरा किया था. एफबीआई प्रमुख ने भी इस साल एनआईए हेडक्वार्टर का दौरा किया था.

गौरतलब है कि जिस दिन (30 जून 2023 को) चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता को गिरफ्तार किया था उसी दिन सामंत अपने पद से रिटायर हुए थे. पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी सामंत जून 2019 में रॉ के चीफ के पद पर तैनात किए गए थे. वर्ष 2022 में उन्हें एक साल का विस्तार दिया गया था. हालांकि, विस्तार देते समय उनके लेटर पर रिटायरमेंट की तारीख 30 जून (2023) ही लिखी थी.  सामंत वर्ष 2001 से रॉ में तैनात थे. उससे पहले सामंत ने पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ लड़ने में अहम भूमिका निभाई थी.

खास बात ये है कि जिस वक्त पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में निक को गिरफ्तार किया गया था, उससे कुछ दिनों पहले ही कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की गई थी. इस मामले में कनाडा ने भी भारत को आरोपी ठहराया है.

इसी साल सितंबर के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे से ठीक पहले न्यूयॉर्क की अदालत ने इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल के खिलाफ कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी कर दिया था.

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