एससीओ समिट में हिस्सा लेने इस्लामाबाद गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद और अलगाववाद को लेकर पाकिस्तान को ही घेर डाला. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में जयशंकर ने कहा कि ‘अलगाववाद और कट्टरवाद’ से लड़ने के लिए समूह के देशों के बीच ‘आपसी विश्वास’ के साथ-साथ ‘अच्छे पड़ोसी’ का धर्म भी निभाना चाहिए.
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि “समूह का उद्देश्य आपसी विश्वास, मित्रता और अच्छे पड़ोसी को मजबूत करना है.”
भारत के राष्ट्रीय बयान को साझा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि एससीओ का मुख्य लक्ष्य आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद से लड़ना है, जो आज के समय में बेहद जरुरी है. इसके लिए, जयशंकर ने कहा, “ईमानदार चर्चा, विश्वास और अच्छे पड़ोसी की जरुरत होती है.”
जयशंकर के इस्लामाबाद दौरे के घोषणा के साथ ही साफ हो गया था कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को धोना तय है. एक लंबे समय से आतंकवाद, पाकिस्तान की शासकीय नीति रहा है. जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के जरिए आतंकी भेजना और अलगाववाद फैलाना पाकिस्तान की पॉलिसी का अहम हिस्सा रहा है. इसके अलावा भारत के दूसरे हिस्सों में बम धमाके और हमले करना भी पाकिस्तान की फितरत रहा है. हालांकि, मोदी सरकार के आने से पाकिस्तान की स्टेट-स्पांसर टेरेरिज्म की नीति पर थोड़ी लगाम जरुर लगी है. लेकिन फिर भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.
पाकिस्तान के प्रोक्सी वॉर के चलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान की अगुवाई में हो रहे एससीओ समिट में हिस्सा लेने से साफ इंकार कर दिया था. पीएम मोदी की जगह एस जयशंकर ने मोर्चा संभाला और इस्लामाबाद में शहबाज शरीफ सहित चीन और रूस के प्रधानमंत्रियों की मौजदूगी में धो दिया.
इस्लामाबाद जाने से पहले ही जयशंकर ने दो टूक कह दिया था कि एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जा रहे हैं, ना कि पाकिस्तान से द्विपक्षीय वार्ता के लिए. भारत ने सीधे शब्दों में कह दिया है कि जब तक पाकिस्तान, भारत में आतंक फैलाना बंद नहीं कर देता, तब कोई डायलॉग नहीं होगा.
जयशंकर ने कहा कि एससीओ समूह में अगर विश्वास या फिर सहयोग की कमी है, अगर मित्रता या फिर अच्छे पड़ोसी अगर कहीं खो गए हैं तो उसके लिए आत्म-चिंतन करने की जरूरत है. ऐसे में विदेश मंत्री ने पाकिस्तान सहित सभी सदस्य-देशों को एससीओ के चार्टर को याद करने का आह्वान किया.
एससीओ की बैठक में पाकिस्तान पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर का शहबाज शरीफ ने मंगलवार की शाम भले ही गर्मजोशी से स्वागत किया था लेकिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की धड़कने बढ़ीं हुई थी. क्योंकि शरीफ को भलीभांति पता था कि जयशंकर जब बैठक में संबोधित करेंगे तो पाकिस्तान की एक बार फिर पोल खोलेंगे. इसी डर की वजह से पाकिस्तान ने जयशंकर की स्पीच का लाइव प्रसारण नहीं किया. पाकिस्तान का डर सही साबित हुआ, क्योंकि जयशंकर ने जब बोलना शुरु किया तो एक के बाद एक पाकिस्तान की बखियां उधेड़ दी.
एससीओ में भारत, पाकिस्तान, चीन और रूस सहित कुल 10 सदस्य देश हैं. इस साल से ईरान और बेलारूस भी संगठन का हिस्सा बन गए हैं. (SCO समिट: अटारी-वाघा बॉर्डर का फासला होगा कम ?)