खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले में फंसे भारतीय इंटेलिजेंस ऑफिसर विकास यादव को भारत ने ‘रौग’ यानी उदंडी घोषित किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने विकास को गिरफ्तार कर अमेरिका को इस बारे में जानकारी साझा की है. इसके बाद ही एफबीआई ने विकास यादव को मोस्ट-वांटेड घोषित किया है ताकि उसके प्रत्यर्पण की कोशिश की जाए.
करीब 40 वर्ष के विकास यादव का जन्म हरियाणा के प्राणपुरा (रेवाड़ी जिले) में हुआ था. हालांकि, अमेरिका ने न्यूयॉर्क कोर्ट में पेश की अपनी चार्जशीट में विकास यादव को सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) का अधिकारी करार दिया है लेकिन, अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) ने अपनी वेबसाइट में विकास यादव की जिस तस्वीर को सार्वजनिक किया है, उसमें वो भारतीय सेना की (पैटर्न वाली) यूनिफॉर्म पहने दिखाई दे रहे हैं.
विकास यादव की यूनिफॉर्म (सीने पर) पैरा-ट्रूपर का बैज भी लगा है. माना जा रहा है इनदिनों विकास यादव डेप्यूटेशन पर भारत की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आरएंडडब्लू) यानी रॉ में तैनात थे. इंटेलिजेंस की दुनिया में लोग उन्हें अमानत के नाम से जानते थे.
अमेरिका के मुताबिक, विकास यादव पहले सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) में कार्यरत थे और ‘बैटल-क्राफ्ट और वेपन्स में ट्रेनिंग’ ले चुके हैं. वे रॉ में सीनियर फील्ड ऑफिसर के पद पर तैनात थे और सिक्योरिटी मैनेजमेंट सहित इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी निभा रहे थे. लेकिन पन्नू मामले में नाम आने के चलते उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया है.
हालांकि, एफबीआई ने विकास यादव को मोस्ट-वांटेड घोषित किया है लेकिन सोशल मीडिया पर उन्हें एक हीरो के तौर पर माना जा रहा है, जो विदेश में देश के दुश्मनों का सफाया कर रहे थे.
एफबीआई ने पन्नू का नाम सार्वजनिक किए बगैर अमेरिका के एक वकील और राजनीतिक एक्टिविस्ट की अमेरिका की धरती पर हत्या की कोशिश की साजिश रचने का आरोप विकास यादव उर्फ अमानत पर लगाया है.
एफबीआई के मुताबिक, विकास ने अपने एक साथी साजिशकर्ता (अमेरिका की गिरफ्त में चेक गणराज्य से गिरफ्तार भारतीय निखिल गुप्ता) के जरिए न्यूयॉर्क में अपने एक साथी के जरिए पन्नू की हत्या के लिए 15 हजार डॉलर की एडवांस पेमेंट की व्यवस्था की थी.
न्यूयॉर्क कोर्ट में दायर चार्जशीट में एफबीआई ने विकास यादव को महज सीसी-1 के नाम से संबोधित किया था. लेकिन अब जब कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं तो एफबीआई ने सभी जानकारी सार्वजनिक कर दी है.
माना जा रहा है कि भारत ने इंटेलिजेंस ऑफिसर विकास यादव को ‘रौग एजेंट’ घोषित करते हुए गिरफ्तार कर लिया है. इसके बारे में अमेरिका को जानकारी दे दी गई है.
एफबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, विकास यादव ने ही चेक गणराज्य में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक निखिल गुप्ता को पन्नू की हत्या करने का आदेश दिया था. पन्नू की हत्या को व्रिकम यादव ने प्राथमिकता करार दिया था.
विक्रम ने ही निखिल गुप्ता को पन्नू के न्यूयॉर्क के घर का पता दिया था. पिछले साल जून (2023) में अमेरिका के टिप-ऑफ पर यूरोपीय देश चेक गणराज्य ने निखिल गुप्ता उर्फ निक को पन्नू की हत्या की कोशिश की सुपारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
अमेरिका का दावा है कि जिस शख्स को निखिल गुप्ता ने पन्नू की सुपारी दी थी वो और कोई नहीं यूएस ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (डीएई) का ही एक सोर्स था. इस सोर्स ने डीएई के एक अधिकारी को हिटमैन के तौर पर निखिल गुप्ता से मुलाकात कराई थी. एफबीआई के पास इस लेनदेन का स्टिंग ऑपरेशन भी है. (Rogue एजेंट विकास यादव एफबीआई का मोस्टवांटेड घोषित)
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विकास यादव: Most-Wanted या देश का हीरो
- by Neeraj Rajput
- October 19, 2024
- Less than a minute
- 4 weeks ago