खालिस्तानी आतंकी निज्जर के चक्कर में भारत के साथ रिश्ता खटाई में डालने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो बुरे फंस चुके हैं. ऐसे बुरे कि अब उनके ही नेता ट्रूडो से जवाब मांग रहे हैं. दरअसल कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने मान लिया है कि उन्होंने भारत के खिलाफ खुफिया और संवेदनशील जानकारी के जरिए अमेरिकी अखबार में खबरें लीक की थी.
ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया विभाग की सलाहकार नताली ड्रोविन और कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने संसदीय समिति के सामने स्वीकार किया है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के एक बड़े मंत्री (गृह मंत्री अमित शाह) के निज्जर की हत्या की साजिश में शामिल होने की खबर अखबार को बताई थी.”
हाल ही में एक अमेरिकी अखबार ने खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कनाडा में चलाए जा रहे सीक्रेट ऑपरेशन के लिए गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया था. भारत की तरफ से इन आरोपों पर आधिकारिक प्रतिक्रिया आनी बाकी है.
ट्रूडो सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने प्लांट की थी खबर
उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने सार्वजनिक सुरक्षा पर कनाडा की संसदीय कमेटी के सामने गवाही के दौरान संवेदनशील जानकारी लीक करने की बात कबूल की, जबकि भारत सरकार ने पहले ही कनाडा के आरोपों को झूठा बताते हुए निज्जर की हत्या में किसी भी तरह की संलिप्पता से इनकार किया है. वहीं ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया विभाग की सलाहकार नताली ड्रोविन ने बताया कि “ये गोपनीय जानकारी लीक करने के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी की अनुमति नहीं दी थी. गोपनीय जानकारी लीक करना कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजी का हिस्सा थे.”
कनाडा की संसदीय कमेटी ने लगाई फटकार
डेविड मॉरिसन तकरीबन दो सप्ताह पहले भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद को लेकर समिति के सामने पेश हुए थे. अपनी सफाई में मॉरिसन ने कहा, “पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि यह वही व्यक्ति हैं. मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति हैं.” दोनों अधिकारियों के बयान के बाद संसदीय समिति ने ड्रोविन और मॉरीशन को फटकार लगाते हुए कहा कि “ट्रूडो और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों और आरसीएमपी ने इस जानकारी को अखबार को सौंपने के बजाए इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया?”
भारत से लिया पंगा, गिरने वाली है ट्रूडो सरकार
कनाडा के एक विपक्षी दल के नेता यवेस फ्रेंकोइस ब्लैंचेट प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार को गिराने के लिए सांसदों को लामबंद कर रहे हैं. मंगलवार को ब्लॉक क्यूबेक्स प्रमुख यवेस फ्रेंकोइस ब्लैंचेट की टिप्पणी मे अल्पमत में चल रहे ट्रूडो सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पिछले नौ वर्षों से सत्ता में बने रहने वाले जस्टिन ट्रूडो को सरकार बचाने के लिए दूसेर सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है.
ट्रूडो को अगर समर्थन नहीं मिलता है तो कनाडा के पीएम का हटना तय है. इसके अलावा ट्रूडो के लोकप्रियता में जबरदस्त गिरावट आई है. 15 अक्टूबर को जारी किए गए नैनोस रिसर्च पोल के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो लिबरल पार्टी को केवल 23 प्रतिशत जनता का समर्थन मिला है जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी, पियरे पोलीवर के नेतृत्व वाले कंजर्वेटिव पार्टी को 39 प्रतिशत समर्थन दिया गया है. (कनाडा को नहीं पचा नया भारत: जयशंकर)