दुनिया के सबसे घातक कमांडो में से एक भारतीय नौसेना के मार्कोस और अमेरिका के खूंखा नेवी सील का जब ‘संगम’ हुआ तो दुश्मन के पसीने छूट लाजमी हैं. भारत और अमेरिका ने मिलकर गोवा में की है एक बड़ी मेरीटाइम एक्सरसाइज. संयुक्त युद्धाभ्यास संगम में भारत और अमेरिका के नेवी कमांडो ने युद्ध कौशल का अभ्यास किया है. भारतीय नौसेना के मार्कोस (मरीन कमांडो) और अमेरिका के सील कमांडों ने एक्सरसाइज के दौरान अपने रणकौशल का परखा है.
गोवा में मार्कोस और सील का संगम
भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो ने अमेरिकी नेवी सील कमांडो के साथ गोवा में ज्वाइंट एक्सरसाइज की है. इस एक्सरसाइज ने दोनों देशों के कमांडो के साथ एक दूसरे के युद्ध के गुर सीखे. कैसे समंदर में एक साथ उतर कर ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता है, उसकी बारीकी सीखी साथ ही दूसरे देशों की नेवी के साथ कैसे काम किया जाता है. इसकी बारीकियां सीखी हैं.
भारत में अमेरिकी दूतावास ने एक्सरसाइज की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए जानकारी देते हुए लिखा कि “मार्कोस और सील के बीच गोवा में संगम अभ्यास 2024 सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. सामरिक आदान-प्रदान और कठोर समन्वय के माध्यम से, अभ्यास संगम हमारे दो नौसैनिक बलों के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाता है, समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करता है, परिचालन विशेषज्ञता को निखारता है और एक मजबूती का मार्ग प्रशस्त करता है.”
एक्सरसाइज के दौरान ऑयल-रिग पर हुए हमले को ध्वस्त करने की ड्रिल को भी अंजाम दिया गया.
संगम अभ्यास पहली बार साल 1994 में आयोजित किया गया था. संगम का उद्देश्य भारत-अमेरिका के बीच सैन्य और कूटनीतिक विश्वास और दोस्ती को मजबूत करना है.
भारतीय नेवी के मार्कोस की पूरी दुनिया है कायल
मार्कोस कमांडो दुनिया की बेहतरीन नेवी कमांडो में से एक है. मार्कोस ने ऐसे कई ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, जिससे पूरी दुनिया में हिंदुस्तान की तारीफ की गई है. इसी साल की शुरुआत में मार्कोस कमांडो ही थे जिन्होंने उत्तरी अरब सागर में एमवी लीला नॉरफ़ॉक के अपहरण की कोशिश नाकाम कर दिया था. इस जहाज को सोमालियाई लुटेरों ने अपहरण कर लिया था. पर जहाज पर चढ़कर मार्कोस कमांडो ने अपहृत जहाज पर सभी 21 चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया था.
वहीं यूएस नेवी सील वही कमांडो हैं जिन्होंने रात के अंधेरे में पाकिस्तान में घुसकर वैश्विक आतंकी संगठन अलकायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को ढेर किया था और लाश को ले जाकर समंदर में डूबा दिया था. (https://x.com/USAndIndia/status/1865972995694444547)
गौरतलब है कि पिछले महीने ही भारतीय सेना (थलसेना) के स्पेशल फोर्स (पैरा-एसएफ) कमांडो की एक टुकड़ी ने अमेरिका जाकर यूएस स्पेशल फोर्सेज के साथ साझा युद्धाभ्यास वज्र-प्रहार में हिस्सा लिया था.
वज्र-प्रहार, भारत और अमेरिका की स्पेशल फोर्सेज का सालाना युद्धाभ्यास है. ये मिलिट्री एक्सरसाइज एक साल भारत में होती है और एक साल अमेरिका में. इसी तरह का पिछला अभ्यास दिसंबर 2023 में उमरोई, मेघालय में आयोजित किया गया था.
वज्र-प्रहार और संगम एक्सरसाइज, युद्ध-अभ्यास से अलग होती है, जिसे दोनों देशों की इन्फैंट्री या मैक-इन्फेंट्री आयोजित करती है. ऐसे में संगम एक्सरसाइज, भारत और अमेरिकी सेना के बीच वर्ष का तीसरा अभ्यास था. ‘युद्ध अभ्यास 2024’ इसी साल सितंबर के महीने में राजस्थान में आयोजित किया गया था.
गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल से भारत और अमेरिका के संबंधों में कड़वाहट पैदा हो गई है. इसका कारण है खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश, जिसने अमेरिका में पनाह ले रखी है. अमेरिका का आरोप है कि पन्नू की हत्या की साजिश भारत के एक पूर्व अधिकारी ने रची थी. हालांकि, भारत ने विकास यादव नाम के इस अधिकारी को रौग करार देकर सीआरपीएफ (और रॉ) से बर्खास्त कर रखा है लेकिन संबंधों में दरार जरूर आई है.
माना जा रहा है कि अगले महीने नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी प्रशासन की कमान संभालने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्ते पटरी पर लौट सकते हैं.