विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके (एकेडी) के भारत दौरे की घोषणा कर दी है. दिसानायके रविवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आएंगे. अपनी यात्रा के दौरान एकेडी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे. श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा सामरिक तौर पर बेहद अहम है. क्योंकि श्रीलंका हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी देश है.
टीएफए ने इसे हफ्ते के शुरुआत में ही बता दिया था कि एकेडी का जल्द भारत दौरा होने वाला है.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति के भारत दौरे पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
एमईए के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के भारत दौरे को लेकर कहा कि श्रीलंका में हाल ही में खत्म हुए राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के बाद राष्ट्रपति दिसानायके की यह पहली भारत यात्रा होगी. राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा भी है. राष्ट्रपति दिसानायके दिल्ली में एक व्यापारिक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे.
रणधीर जायसवाल ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली की यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति दिसानायके राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे. साथ ही पीएम मोदी के साथ आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा करेंगे. भारत यात्रा के दौरान श्रीलंकाई राष्ट्रपति बोधगया भी जाएंगे.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, “राष्ट्रपति दिसानायके की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और मजबूत करेगी.”
भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत श्रीलंका अहम
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहास “श्रीलंका हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत का सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी देश है और पीएम मोदी के ‘सागर’ (सिक्योरिटी एंड ग्रोध फॉर ऑल इन द रिजन) और भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के दृष्टिकोण के तहत अहम स्थान रखता है.”
हिंद महासागर में हालांकि, भारत का दबदबा है लेकिन राष्ट्रपति दिसानायके की पार्टी का झुकाव चीन की ओर है. बावजूद इसके, दिसानायके भारत की ताकत जानते हैं. लिहाजा लेफ्टिस्ट होने के बावजूद भी दिसानायके का रुख हमेशा से भारत के प्रति संतुलित (न्यूट्रल और बैलेंस) है.
करीब एक साल पहले, भारत के विरोध के बाद श्रीलंका ने चीन के जासूसी जहाज को अपने तट पर रुकने के लिए मना कर दिया था. जिसके बाद चीनी जहाज ने मालदीव के तट पर जाना शुरु कर दिया था. हालांकि तब दिसानायके की सरकार नहीं थी. दिसानायके विपक्ष में थे.
जयशंकर ने कोलंबो जाकर दी थी दिसानायके को बधाई
राष्ट्रपति बनने के बाद अनुरा कुमारा दिसानायके को श्रीलंका पहुंचकर बधाई देने वाले पहले विदेशी नेता थे एस जयशंकर. एस जयशंकर ने अक्टूबर में कोलंबो की यात्रा की थी. इस दौरान एस जयशंकर ने दिसानायके को जीत की बधाई देते हुए भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की थी.