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सीरिया में Turkey ने पलटी बाजी, कुर्दिस्तान पर कब्जे की तैयारी 

सीरिया में तख्तापलट के बाद जहां गोलन हाइट्स से इजरायल सेना के दमिश्क की ओर बढ़ने की आशंका जताई जा रही है तो वहीं तुर्किए सेना अमेरिकी समर्थित कुर्दिस्तानी लड़ाकों पर लगातार अटैक कर रही है.

तुर्किए समर्थित विद्रोही, कुर्दिस्तान लड़ाकों को रोकने के लिए लगातार आगे बढ़ रही है. दमिश्क में तुर्किए अपना दूतावास खोलने जा रहा है. ये दूतावास तकरीबन 12 साल से बंद था. क्योंकि सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद (जो अब रूस में शरण लिए है) का तुर्की (तुर्किए) के राष्ट्रपति एर्दोगन से छत्तीस का आंकड़ा था.

अब तुर्किए के विदेश मंत्री हकान फिदान ने तुर्किए की एंबेसी को खोलने की घोषणा कर दी है. इस बीच सीरिया में इजरायल और तुर्किए को आगे बढ़ते देख अमेरिका के मौजूदा विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन तुर्किए पहुंचे हैं. क्योंकि अमेरिका को आशंका है कि एर्दोगन की तुर्की सेना सीरिया में कुर्द समुदाय के स्वायत्त-क्षेत्र (कुर्दिस्तान या रोजावा) पर कब्जा करने की तैयारी कर रही है.

इस बीच खबर है कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर, जनरल माइकल कुरिल्ला भी इजरायल पहुंचे हैं.

सीरिया में तुर्किए-कुर्दिस्तान लड़ाकों में आमने-सामने की जंग

अमेरिका ने सीरिया में एक दूसरे विद्रोही समूह सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज का समर्थन किया है जो अब तुर्की के समर्थन वाले विद्रोही एसडीएफ के लड़ाकों पर हमले कर रहे हैं. एसडीएफ, आईएसआईएस के आतंकियों के खिलाफ अमेरिकी गठबंधन का सहयोगी है, जिसका नेतृत्व कुर्दिस्तानी लड़ाके करते हैं. तुर्किए की कुर्दिस्तानियों से पुरानी अदावत है. तुर्किए, कुर्दिस्तान के विद्रोहियों को आतंकवादी बताता है. (सीरिया में शांति आसान नहीं, कुर्दिस्तान की जंग भी जारी)

दरअसल, सीरिया के कुर्द, तुर्की, इराक और ईरान से सटे इलाकों को मिलाकर एक अखंड-कुर्दिस्तान बनाने की मांग करते आए हैं. लेकिन इस सपने में तुर्की एक बड़ा रोड़ा है. तुर्की की एर्दोगन सरकार किसी कीमत पर कुर्द समुदाय को अलग देश बनाने नहीं देना चाहती है. यही वजह है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के कमजोर होने और देश छोड़कर भागने के दौरान तुर्किए ने यूएस समर्थित कुर्द संगठनों के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए.

विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस), सीरियाई सेना के साथ मिलकर तुर्किए को समर्थन कर रहा है. ऐसे में कुर्द लड़ाकों और विद्रोहियों के बीच आमने सामने की जंग शुरु हो चुकी है.

एचटीएस से डायरेक्ट संपर्क में है अमेरिका

एंटनी ब्लिंकन ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिकी प्रशासन हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस) के सीधे संपर्क में है. एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “हम एचटीएस और अन्य पक्षों के संपर्क में हैं. सीरियाई लोगों के लिए हमारा संदेश यह है, हम चाहते हैं कि वो सफल हों और हम ऐसा करने में उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं.”

जबकि एक समय अल-कायदा से संबधित रहे एचटीएस को 2018 से अमेरिकी विदेश विभाग ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है. इसके तहत संगठन और उससे जुड़े लोगों पर कई प्रतिबंध हैं.

तुर्किए के विदेश मंत्री से मिले एंटनी ब्लिंकन, इजरायल में पहुंचे माइकल कुरिल्ला

सीरिया की राह आसान नहीं होने जा रही है. लिहाजा, तुर्किए और अमेरिकी समर्थित विद्रोहियों की जंग को देखते हुए बाइडेन प्रशासन एक्शन में है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने तुर्किए समकक्ष हकान फिदान से बात की है तो वहीं, अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जनरल माइकल कुरिल्ला इजरायल पहुंचे हैं.

माइकल कुरिल्ला ने इजरायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्ज़ी हलेवी और इजरायली रक्षा मंत्री इजरायल काट्स से मुलाकात की है. अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने अपने बयान में कहा कि “नेताओं ने सीरिया में चल रही स्थिति और अन्य सामरिक और क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ तैयारी सहित कई क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की.”  अमेरिका ने तुर्किए और इजरायल से सीरिया में शांति का आह्वान किया है. (गोलान हाइट्स पर इजरायली कब्जा, इस्लामिक देश बिदके)

अबु मोहम्मद अल-जुलानी ने जारी किया पहला बयान

दमिश्क की ओर बढ़ रही इजराइली सेना की खबरों को लेकर विद्रोही गुट एचटीएस के नेता अबु मोहम्मद अल-जुलानी का पहला बयान सामने आया है. जुलानी ने कहा कि “हम इजरायल से संघर्ष नहीं चाहते. सीरिया पर हमले का कोई कारण नहीं. दुनिया सीरियाई संप्रभुता का सम्मान करे. हमने असद की सत्ता को उखाड़ फेंका.” अबू मोहम्मद अल जुलानी के नेतृत्व में ही विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा किया हुआ है.

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