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NATO देश को चाहिए भारत का गोला-बारूद, रूस को मानता है दुश्मन

आर्मेनिया और मोरक्को के बाद अब यूरोपीय देश एस्टोनिया में भारतीय कंपनियां गोला-बारूद बनाने की तैयारी कर रही हैं. खुद एस्टोनिया के रक्षा मंत्री ने इस बात की तस्दीक की है. यूक्रेन और नाटो से करीबी संबंध रखने वाला एस्टोनिया, रूस को कट्टर दुश्मन मानता है.

भारत और यूरोपीय देश एस्टोनिया के बीच रक्षा क्षेत्र में संबंध मजबूत हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच साइबर और रक्षा क्षेत्र में संबंधों को मजबूत करने के लिए कई कोशिश की जा रही हैं. एस्टोनिया के रक्षा मंत्री हनो पेवकुर ने कहा है कि “भारतीय कंपनियां गोला-बारूद के उत्पादन के लिए उनके देश में निवेश करने की इच्छुक हैं.” 

भारतीय मीडिया से बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि “सिर्फ गोला-बारूद ही नहीं, आर्मर्ड व्हीकल्स और हॉवित्जर का भी उत्पादन भी इंडियन कंपनियां करना चाहती हैं. एस्टोनिया के रक्षा मंत्री ने भारत आने की भी उम्मीद जताते हुए कहा है कि कि भारत-एस्टोनिया के बीच गहन सहयोग है. 

एस्टोनिया में निवेश के लिए इच्छुक हैं भारतीय रक्षा कंपनियां: हनो पेवकुर

एस्टोनिया के रक्षा मंत्री ने भारतीय कंपनियों के नाम का खुलासा किए बिना दावा किया है कि कई भारतीय रक्षा कंपनियां उनके देश में निवेश करना चाहती है. 

हनो पेवकुर ने कहा कि “हम यहाँ एस्टोनिया में, नया रक्षा औद्योगिक पार्क स्थापित कर रहे हैं और कुछ बड़ी भारतीय कंपनियां हैं जो एस्टोनिया में निवेश करने के लिए इच्छुक हैं. वो 155-मिलीमीटर गोला-बारूद का उत्पादन शुरू करना चाहती है. पर ये मैं अभी नहीं बता सकता हूं कि वो कौन सी कंपनियां हैं. लेकिन ये वो कंपनियां हैं जो भारत में 155 मिलीमीटर गोला बारूद का उत्पादन कर रही हैं. 

रक्षा मंत्री ने कहा  कि “लेकिन यह केवल गोला-बारूद नहीं है, यह सशस्त्र वाहनों का उत्पादन, होवित्जर का उत्पादन भी है. इसलिए सहयोग बहुत गहन है. इसलिए मैं आशा करता हूँ कि मुझे भारत आने और कुछ कंपनियों से मिलने और एक बहुत स्पष्ट संदेश देने का समय मिल सके कि एस्टोनिया निवेश के लिए एक सुरक्षित वातावरण है.”

यूक्रेन की मदद कर रहा है नाटो देश एस्टोनिया

एस्टोनियाई रक्षा बल (ईडीएफ), रूस के साथ 296 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा करता है. रूस और यूक्रेन के साथ युद्ध में एस्टोनिया ने यूक्रेन का साथ दिया है. युद्ध पर बात करते हुए एस्टोनियाई रक्षा मंत्री ने कहा, “अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो 24 घंटे में युद्ध खत्म करवा देंगे. मैं कहना चाहूंगा कि अगर ट्रंप ऐसे व्यक्ति हैं कि अगर वो चाहें तो 24 मिनट और 24 सेकेंड में युद्ध रुकवा देंगे. लेकिन रूस को जिम्मेदारी लेनी होगी और हम इस बात का कभी भी सम्मान नहीं करेंगे की रुस, यूक्रेन के कुछ क्षेत्रों पर कब्जा कर ले.”

नाटो बढ़ाएगा बजट, रूस को रोकना बेहद जरूरी: एस्टोनियाई रक्षा मंत्री

एस्टोनियाई रक्षा मंत्री ने रूस को रोकने पर जोर दिया है. हनो पेवकुर ने कहा कि “रूस हमारा पड़ोसी रहा है और रहेगा, और हमें नहीं लगता कि वे कम शत्रुतापूर्ण होंगे. नाटो सबसे मजबूत सैन्य गठबंधन है जो पिछले 75 वर्षों से सफल रहा है, और हम वास्तव में मानते हैं कि अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हम रूस को रोक सकते हैं. इसलिए हम अधिक से अधिक रक्षा निवेश कर रहे हैं.” 

नाटो चाहता है भारत से सामरिक संबंध

हाल ही में नाटो की विदेश और सुरक्षा मामलों की सीनियर प्रतिनिधि काजा कैलस ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात कर भारत के साथ पहली ‘मंत्री-स्तर की सामरिक और विदेश नीति’ पर वार्ता का ऐलान किया था. काजा ने बताया था कि नाटो (यूरोपीय यूनियन) और भारत की ‘वैश्विक सुरक्षा चुनौतियां’ जुड़ी हुई हैं.

खास बता है कि कुछ महीने पहले तक काजा कैलस, एस्टोनिया के प्रधानमंत्री के पद (जनवरी 2021-जुलाई 2024) पर थी. लेकिन नाटो (और ईयू) में उच्च पद के लिए एस्टोनिया के प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया था. रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद के लिए नाटो देशों के सैनिकों को जंग के मैदान में भेजने की बड़ी हिमायती हैं काजा. (https://x.com/kajakallas/status/1866404034690846792)

मेक फॉर द वर्ल्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी कंपनियों से मित्र-देशों की सैेन्य जरूरतों को पूरा करने का आह्वान किया है. इसी कड़ी में पुणे की भारत-फोर्ज (कल्याणी) कंपनी ने आर्मेनिया को होवित्जर सप्लाई की हैं तो भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने आकाश मिसाइल.

हाल ही में टाटा एडवांस कंपनी ने पश्चिम एशियाई देश मोरक्को में आर्मर्ड व्हीकल्स (व्हैप) का एक प्लांट स्थापित किया है.

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