जंग के मैदान से दूर मॉस्को में रूस के केमिकल-डिफेंस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इगोर क्रीलोव की हत्या की जिम्मेदारी यूक्रेन ने ली है. यूक्रेन की सुरक्षा सेवा एसबीयू ने टॉप रूसी जनरल को अपराधी बताते हुए हत्या की जिम्मेदारी ली है.
यूक्रेनी एसबीयू ने कहा है कि एक विशेष अभियान के तहत इगोर क्रीलोव को मारा गया है. जनरल इगोर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बेहद करीबी थे.
यूक्रेन ने इलेक्ट्रिक स्कूटर में बम लगाकर इगोर क्रिलोव की उनके घर के बाहर हत्या की है. इस दौरान जनरल इगोर के एक सहयोगी की भी मौत हुई है. इस टारगेट किलिंग का वीडियो भी सामने आया है, जिससे साफ हो जाता है कि साजिश के तहत रूसी सेना के केमिकल, बायोलॉजिकल और रेडियोलॉजिकल (सीबीआर) डिपार्टमेंट के चीफ को मारा गया है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1868998578640912587)
अपराधी को बिल्कुल सही टारगेट किया: यूक्रेन
यूक्रेन ने रूसी सीबीआर चीफ की हत्या की जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है. यूक्रेनी सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस हमले को एसबीयू ने अंजाम दिया है. क्रीलोव एक युद्ध-अपराधी है और उसे निशाना बनाया जाना पूरी तरह से सही है.
एसबीयू ने कहा, क्रीलोव ने फरवरी 2022 में 4,800 से अधिक अवसरों पर युद्ध के मैदान में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है. सोमवार को यूक्रेन की सुरक्षा सेवा यानि एसबीयू ने उनके खिलाफ आपराधिक जांच शुरू की थी. जिसमें इगोर पर प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का निर्देश देने का आरोप लगाया गया था. यूक्रेन ने जनरल इगोर को अपनी प्रतिबंधित सूची में डाला हुआ था.
इस हत्या का बदला लेना होगा: रूस
अब जब ये साफ हो गया है कि रूस के केमिकल चीफ की हत्या के पीछे यूक्रेनी एजेंसी है, तो रूस के सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि इस हत्या का बदला लेना होगा.
रुस का दावा है कि बम को रिमोट से ट्रिगर किया गया था और बम की शक्ति लगभग 300 ग्राम टीएनटी के बराबर थी.
रूसी संसद के ऊपरी सदन के उपाध्यक्ष कॉन्स्टेंटिन कोसाचेव ने कहा है कि उनकी मृत्यु एक अपूरणीय क्षति है. रूसी संसद के डिप्टी स्पीकर ने कहा है कि इस घटना को बेहद सोच-समझकर प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया है. उनकी हत्या का बदला लिया जाएगा.
यूक्रेन ने इस हमले से ये भी दिखाया है कि वह मॉस्को में उच्च अधिकारियों को निशाना बनाने की क्षमता रखता है.
यूक्रेन में पेंटागन की बायोलैब्स का किया था खुलासा
युद्ध शुरू होने के महज एक महीने के भीतर यानी मार्च 2022 में जनरल इगोर ने यूक्रेन में अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) की मदद से चलाई जा रही बायोलैब्स पर एक रिपोर्ट जारी की थी. पुतिन ने यूक्रेन पर हमला (स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन) शुरु करने के पीछे एक बड़ा कारण पेंटागन की मदद से चलाई जा रही बायोलैब्स को बताया था.
जनरल इगोर की रिपोर्ट में अमेरिका और यूक्रेनी सेना के उन अधिकारियों के नाम और फोटो तक शामिल थे जिन्होंने इन बायोलैब बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. जनरल इगोर की रिपोर्ट में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान यूक्रेनी ठिकानों से मिले दस्तावेजों का हवाला दिया गया था.
जनरल इगोर की रिपोर्ट में कोरोना वायरस और बर्ड (चमगादड़ इत्यादि) की मदद से यूक्रेन में बनाए जा रहे बायो-वेपन की जानकारी भी दी गई थी.
रूसी केमिकल विंग की समय-समय पर आई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि यूक्रेन अपने स्मोक-शैल में केमिकल का इस्तेमाल भी करता है. इसी साल अगस्त के महीने में जब यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क प्रांत पर कब्जा किया था तब ऐसे केमिकल शैल के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था.
जनरल इगोर ने आरोप लगाया था कि जपोरिजया न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा करने के लिए यूक्रेनी सेना एक शॉर्ट-सर्किट का इस्तेमाल करने जा रही है. जनरल इगोर की केमिकल विंग ने उस हमले को विफल कर दिया था. अक्टूबर के महीने में जनरल इगोर ने खुलासा किया था कि यूक्रेन डर्टी-बम (परमाणु बम) इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है. (रशियन जनरल की हत्या, Pentagon की बायोलैब्स का किया था खुलासा)